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75th Republic Day: मुख्यमंत्री साय ने जगदलपुर में किया ध्वजारोहण, बोले- सुशासन से करेंगे हर वादा पूरा
75th Republic Day: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज 75 वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। गणतंत्र दिवस का यह समारोह जगदलपुर के लालबाग मैदान में हर्ष और उल्लास के वातावरण में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा हमारी पहचान है। हम ‘रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई’ का अनुसरण करते हैं। हमारी चेतना में एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन समाहित है, जो हमें मानव धर्म के लक्ष्यों के प्रति जागरूक रखता है। इनके रास्ते पर चलते हुए हम छत्तीसगढ़ के जन-जन का सपना पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं छत्तीसगढ़ महतारी के महान सपूतों अमर शहीद गैंद सिंह, शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुण्डाधूर को सादर नमन करता हूं, जिन्होंने हमारे प्रदेश को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा और पूरे छत्तीसगढ़ में त्याग-बलिदान, न्याय-समानता जैसे आदर्शों की अलख जगाई। उन्होंने राष्ट्रीय चेतना के विकास में आदिवासी अंचलों का अग्रणी योगदान दर्ज कराया था। बाद में इस राह पर चलकर प्रदेश के अनेक वीरों और राष्ट्र भक्तों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं प्रदेश और देश के विकास में योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भारत के लोगों ने अपना संविधान बनाया और स्वयं ही इस संविधान को अधिनियमित और आत्मार्पित किया था। भारत के सुनहरे भविष्य की आधारशिला 26 जनवरी 1950 को, हमारे संविधान को लागू करने के साथ रख दी गई थी। हमारा संविधान, अतीत के अनुभवों, वर्तमान की जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 वर्षों का सफर बताता है कि हम एक सफलतम लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में स्थापित हुए हैं। मैं आज बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों का पावन स्मरण करता हूं, जिन्होंने सामूहिक बुद्धिमत्ता से संविधान रचकर हमारे गणतंत्र को राह दिखाई। हमारा संविधान समस्त नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार-अभिव्यक्ति-विश्वास-धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता का अधिकार प्रदान करता है।
18 लाख हितग्राहियों को मिलेंगे पक्के आवास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राज्य के आवासहीन परिवारों को पक्का आवास प्रदान करने की गारंटी को हमने सर्वाेच्च प्राथमिकता दी है। हमने अपनी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में राज्य के 18 लाख से अधिक परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी है। इस तरह से हम देश में हर बेघर के सिर पर छत देने के लक्ष्य को पूरा करने में भी अपना योगदान देंगे।
घर-घर पहुंचेगा नल से जल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के साथ हमने जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ के प्रत्येक घर में पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का वादा किया था। निर्धारित लक्ष्य जल्दी से जल्दी पूरा करने के लिए हमने अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था कर दी है।
12 लाख किसानों को मिले धान बोनस के 3,716 करोड़ रुपए
अन्नदाताओं की समृद्धि और खुशहाली को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य के जन्मदाता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस-‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर 2 साल की धान खरीदी के बकाया बोनस के एकमुश्त भुगतान को लेकर वादा किया गया था। यह वादा हमने नियत तिथि को निभाया और 12 लाख से अधिक किसानों को एकमुश्त 3 हजार 716 करोड़ रुपए की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की।
प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी
‘कृषक उन्नति योजना’ के अंतर्गत हमने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का आदेश जारी करके यह व्यवस्था लागू कर दी है। व्यवस्था में सुधार हेतु ऑनलाइन धान खरीदी केन्द्रों में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से धान खरीदी की जा रही है। 48 घंटे के भीतर भुगतान की व्यवस्था की गई है, जिसमें काफी हद तक सफलता मिली है।
सिंचाई के लिए निःशुल्क बिजली: 1,123 करोड़ रुपए का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको याद होगा कि कृषक जीवन ज्योति योजना, हमारी ही पूर्ववर्ती सरकार की देन थी, जिसने किसानों के जीवन में बहार लाई थी। निःशुल्क बिजली प्रदाय से उनकी सिंचाई सुविधा और उत्पादन क्षमता में बहुत बढ़ोतरी हुई थी। सरकार बनते ही हमने इस योजना की समीक्षा की और पाया कि किसानों को निःशुल्क बिजली देने की यह व्यवस्था बहुत कारगर साबित हुई है, जिसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 1 हजार 123 करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है।
सरकार किसानों के साथ
किसान भाइयों और बहनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें इस बात का पूरा अहसास है कि आपको अपने जीवन में किन बड़ी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपकी मेहनत और त्याग अनमोल है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि कृषि तथा इससे संबंधित सभी क्षेत्रों पर हम लगातार ध्यान देंगे और समस्याओं का निराकरण करते जाएंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जैविक खेती मिशन, राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि योजनाओं का समय पर अधिकाधिक लाभ प्रदेश के किसानों को देने की व्यवस्था की जाएगी।
महतारी वंदन योजना में मिलेगी 12,000 रुपए की राशि
मातृशक्ति को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि माताओं, बहनों, बेटियों के सम्मान, स्वाभिमान, स्वावलंबन और सुरक्षा के लिए हम हरसंभव कदम उठाएंगे। उनकी सेहत, शिक्षा और पोषण के लिए भी समुचित योजनाएं कारगर ढंग से लागू की जाएंगी। हमने महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 12 हजार रुपए वार्षिक आर्थिक सहायता प्रदान करने का वादा निभाने की दिशा में पहल प्रारंभ की है।
पारदर्शीता के साथ होंगी पीएससी तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं
युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम विद्यार्थियों और युवाओं की चिंता से अवगत हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ पीएससी की सभी प्रमुख परीक्षाओं की प्रक्रिया को यूपीएससी की तर्ज पर सुव्यवस्थित करने हेतु प्रयास किया जा रहा है। हमने पीएससी प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया है। हमारी सरकार ने सभी प्रमुख परीक्षाओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अनेक स्तरों पर परीक्षण प्रारंभ कर दिया है। हम नौनिहालों और युवाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए उनकी शिक्षा, व्यक्तित्व विकास, संस्कार, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे सभी विषयों पर समग्रता से पहल करेंगे।
विकसित भारत संकल्प यात्रा से मिल रहा योजनाओं का लाभ
विकसित भारत संकल्प यात्रा की भी मुख्यमंत्री ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से प्रदेश में एक महाअभियान संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के हर वंचित और कमजोर व्यक्ति तक पहुंचना और पात्रतानुसार उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करना है। यह यात्रा प्रदेश की सभी 11 हजार 654 ग्राम पंचायतों तथा 170 नगरीय निकायों में पहुंच रही है। भारत सरकार की जनहितकारी समस्त योजनाओं के पात्र हितग्राहियों तक पहुंचकर उनसे संबंधित योजनाओं के बारे में जागरूक कर रही है। इसके अलावा स्थल पर योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस महाअभियान से कमजोर तबकों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण में मदद मिल रही है।
गरीब परिवारों को पांच वर्ष तक मिलेगा निःशुल्क चावल
कोविड-19 की विश्वव्यापी आपदा से निपटने के लिए किसी भी जरूरतमंद परिवार को पोषण समस्या न हो यह ध्यान में रखते हुए केन्द्र शासन ने निःशुल्क अनाज प्रदान करने की योजना शुरू की थी। अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत दिसम्बर 2028 तक निःशुल्क चावल प्रदाय की व्यवस्था कर दी है। छत्तीसगढ़ में इस योजना से 67 लाख 94 हजार अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को मासिक पात्रता का चावल दिया जाएगा।
वन नेशन वन राशन कार्ड से पीडीएस में पारदर्शीता
मुख्यमंत्री ने पीडीएस प्रणाली से संबंधित सुधारों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कारगर, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें हितग्राहियों को अपनी पसंद की किसी भी राशन दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने की सुविधा है।
36 लाख महिलाओं को उज्ज्वला गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 36 लाख से अधिक नवीन गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं। छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान विशेष अभियान संचालित करते हुए उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इस योजना से महिलाओं की सेहत, सुविधा और स्वाभिमान की स्थिति में बहुत सुधार आया है।
अयोध्या के तीर्थ यात्रा के लिए रामलला दर्शन योजना
हमारा छत्तीसगढ़ धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का प्रदेश है। यहां हर क्षेत्र में कुछ न कुछ विशेषताएं हैं, जिसका सम्मान करते हुए एक साझा संस्कृति का विकास प्रदेश में हुआ है। हमारी सरकार सभी जातियों, धर्मों, समुदायों की आस्था का सम्मान करते हुए समरस विकास के रास्ते पर चलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या धाम में प्रभु राम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के प्रति लोगों की जिज्ञासा और अगाध श्रद्धा भाव का सम्मान करते हुए हमारी सरकार ने रामलला दर्शन योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत प्रति वर्ष हजारों लोगों का अयोध्या धाम तथा काशी विश्वनाथ धाम, प्रयागराज की तीर्थयात्रा कराई जाएगी।
सुशासन से करेंगे हर वादा पूरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सुशासन के माध्यम से सही दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। नक्सलवाद तथा विभिन्न प्रकार के अपराधों, हिंसा व अन्याय पर तेजी से रोक लगे। संविधान की भावना अनुसार सभी क्षेत्रों और सभी वर्ग के लोगों को विकास के समुचित अवसर मिलें। सेवा, सुशासन, सुरक्षा और विकास के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं ताकि सभी छत्तीसगढ़वासियों की आय और जीवन स्तर उन्नयन में वृद्धि का सिलसिला तेजी से आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर वादा पूरा करने के लिए तत्पर है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सबके प्यार, सहयोग और समर्थन से हम छत्तीसगढ़ महतारी का, छत्तीसगढ़ के जन-जन का हर सपना पूरा करेंगे।
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Breaking News: कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस की दूसरे दिन की समीक्षा बैठक शुरू, कानून-व्यवस्था सहित तमाम मुद्दों पर होगी चर्चा
Collector-SP conference Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर्स-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन की समीक्षा बैठक शुरू हो गई है। इसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हैं। बैठक में जिलों में कानून और व्यवस्था सहित अपराधों की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा होगी। साथ ही भविष्य में पुलिसिंग को और अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी व उत्तरदायी बनाने की दिशा में किए जा सकने वाले सुझावों पर भी चर्चा की जाएगी।
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Collector Conference: पुरानी शैली बदलें, पूरी संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण करें- मुख्यमंत्री साय
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सबको और अधिक कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित की जाए और इसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ आम जनता की समस्याओं को सुने और उसका यथासंभव शीघ्र निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें, तो उन पर तत्काल सख्त कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं।
मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री ने अभी पीएम आवास के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों को स्वीकृति दी है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। हमें तेजी से इस पर काम करना है। यह सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसके साथ ही हमने चिन्हांकित किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय भी लिया है। इस पर भी जुट कर काम करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। मनरेगा रोजगार सृजन का सबसे अच्छा माध्यम है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी अधोसंरचनाएं तैयार करें। मनरेगा में भुगतान संबंधी दिक्कतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पंचायतों का व्यापक निरीक्षण करने, वहां की समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का तेजी से निर्माण कराए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली योजना है। 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री साय ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के दौरान गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने और आवश्यकतानुसार दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर सेवाएं लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का सभी जिलों में संचालन तथा रोगियों को लाभ सुनिश्चित करने, आगामी 6 माह में शत प्रतिशत आयुष्मान पंजीयन करने, पीएम जनऔषधि केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के तहत किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में रायपुर और बिलासपुर जिले में बेहतर स्थिति की सराहना की। उन्होंने अन्य जिलों को भी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरस्वती सायकल योजना के वितरण में कुछ जिलों में हुई लेट-लतीफी को लेकर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सायकल का वितरण शिक्षा सत्र शुरू होते ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुकमा एवं बलरामपुर जिले में साइकिल वितरण अब तक न होने पर की स्थिति को देखते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जन मन योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने कबीरधाम जिले में वन अधिकार पट्टा के कार्य में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और जिन जिलों में डिजिटलाइजेशन का कार्य 80 प्रतिशत से कम है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आश्रम एवं छात्रावासों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा और कलेक्टरों को स्वयं निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, छात्रावासों में भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन योजना को सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में कोई पात्र महिला वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मातृ वंदन योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण को जड़ से समाप्त करना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए विभाग को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और पी. दयानंद तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।
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Chhattisgarh: मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि, 1 सितंबर से प्रभावी होगा आदेश
Raipur: मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के अंतर्गत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी), सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश 1 सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कालेजों के लिए प्रभावी होगा।
छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 90 हजार रूपए कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 90 हजार रूपए से बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रूपए कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से 1 लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख 25 हजार तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 95 हजार रूपए कर दिया गया है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गयी है। इस ऐतिहासिक वेतन वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले भावी डाक्टरों का ये अधिकार है कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शिक्षक और शिक्षा मिले और वेतन वृद्धि का ये आदेश राज्य शासन की स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की मंशा को स्पष्ट जाहिर करता है।
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Chhattisgarh: राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के कड़े तेवर, राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर जताई नाराजगी
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने सारंगढ़ ,बस्तर, खैरागढ़ में राजस्व मामलों की धीमी गति पर नाराजगी जताई। उन्होंने सभी कलेक्टरों को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संबंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों। मुख्यमंत्री साय ने अफसरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि अविवादित नामांतरण के केस को समय सीमा पर पूरा करें। इसमें 70 प्रतिशत से कम निराकरण वाले जिले ज्यादा फोकस करें। उन्होंने कहा कि विवादित विभाजन के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हों। सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है, जो आदेश है उसका सीमांकन हो जाये। नागरिक छोटे छोटे त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डायवर्शन में जिलों का प्रदर्शन अच्छा है। सीएम साय ने कहा कि समय सीमा में निराकरण करने से सरकार की छवि बनती है। आपके अधीनस्थ समय और कोर्ट पहुंचे इसका ध्यान रखें। साथ ही सभी कमिश्नर भी कामकाज की मॉनिटरिंग करते रहें।
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Chhattisgarh: रायपुर में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री की चेतावनी- भाषा का संयम रखें, नहीं तो सख्त कार्यवाही की जाएगी
Collector conference Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में राजधानी रायपुर में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। शुरुआती उद्बोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करें। उन्होंने कहा कि बीते 9 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने भाषा के संयम को लेकर दी विशेष हिदायत, कहा आपके अधिकारियों से भाषा का संयम नहीं हो तो सख्त कार्यवाही की जाए। कलेक्टर स्तर पर ऐसी गलती हुई तो मैं स्वयं कारवाई करूंगा l
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े।
जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाया जाए।
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