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सीएम बघेल को ब्रिटिश संसद करेगी सम्मानित, आदिवासियों की जमीन वापसी एवं ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी’ मॉडल पर बोलने का मिला न्यौता

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रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के टाटा संयत्र के लिए अधिग्रहित जमीन इस्तेमाल नहीं होने पर आदिवासियों को वापस लौटने के फैसले को देश ही नहीं विदेश में भी काफी सराहा जा रहा है। पश्चिमी देशों की मीडिया में भी छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले की काफी चर्चा रही। अब ब्रिटिश संसद की तरफ से मुख्यमंत्री बघेल को जमीन वापसी के फैसले के साथ नरवा, गुरवा, घुरवा और बारी मॉडल पर बोलने के लिए निमंत्रण मिला है। इसके अलावा उन्हें इसके लिए प्रशस्ति पत्र भी भेजा गया है।

19 मई को ब्रिटिश संसद को संबोधित करेंगे सीएम 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ब्रिटिश संसद का न्यौता स्वीकार कर लिया है। सीएम बघेल 19 मई को ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमंस एवं हाउस ऑफ लॉर्ड्स को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1105793209748213760

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Chhattisgarh: रायगढ़ में 3,266 क्विंटल अवैध धान किया गया जब्त, बिलासपुर जिले में भी कार्रवाई

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Chhattisgarh: 3,266 quintals of illegal paddy seized in Raigarh, action also taken in Bilaspur district

Raigarh/Bilaspur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर अवैध धान भंडारण एवं परिवहन पर सभी अंतरराज्यीय सीमाओं पर पर बसे जिलों पर कड़ी निगरानी की जा रही है। साथ ही इस कार्य में संलिप्त पाए जाने वालों पर त्वरित एवं सख्त कार्रवाई की जा रही हैं। इसी क्रम में समर्थन मूल्य पर पारदर्शी एवं निष्पक्ष धान खरीदी नीति के तहत प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान में रायगढ़ में विगत 15 दिनों में 30 प्रकरणों के द्वारा कुल 3,266 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है, जिसकी कीमत 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 1 करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है।

कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिले की सीमाओं पर स्थित सभी अंतरराज्यीय एवं आंतरिक चेक पोस्टों पर 24×7 कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों की शिफ्टवार ड्यूटी लगाई गई है, वहीं अनुविभागीय स्तर पर विशेष निगरानी दल सक्रिय हैं। अवैध धान भंडारण एवं परिवहन में शामिल हर व्यक्ति पर कार्रवाई करते हुए मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर ने आम नागरिकों एवं किसानों से अपील की है कि अवैध धान परिवहन या भंडारण की कोई भी जानकारी तुरंत निकटतम पुलिस थाना, तहसील कार्यालय या चेक पोस्ट पर दें। कार्रवाई में सहयोग करना खरीदी व्यवस्था की पारदर्शिता को मजबूत करेगा।

उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से सुचारु रुप से संचालित हो रहा धान खरीदी कार्य

जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 105 उपार्जन केन्द्र बनाए गए है। शासन के निर्देशानुसार सभी उपार्जन केन्द्रों में चेक लिस्ट के अनुरुप मूलभुत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। 105 उपार्जन केन्द्रों में से 15 केंद्रों को संवेदनशील और 4 केंद्रों को अति-संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। अवैध धान की आवाजाही रोकने के लिए 24 चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं, इनमें भुईंयापाली, बेलरिया, लारा, रेंगालपाली, एकताल, जमुना, तोलमा, हाड़ीपानी, लमडांड, हमीरपुर, मेनरोड हाटी, गोलाबुड़ा, फतेपुर, केशरचुंवा, टांगरघाट, बिजना, बरकछार, उर्दना बेरियर, बोईरदादर, बेरियर, पलगड़ा, भालूनारा, बाकारुमा बेरियर, ऐडू बेरियर एवं रीलो बेरियर सहित 24 अंतराज्यीय एवं आंतरिक चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं। इन चेकपोस्टों पर 24 घंटे निगरानी के लिए तीन-तीन पालियों में चार टीमें तैनात की गई हैं।

तुहर टोकन मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन टोकन एवं माइक्रो एटीएम की सुविधा उपलब्ध

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धान खरीदी प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने और किसानों को पारदर्शी सुविधा प्रदान करने के लिए “तुंहर टोकन” मोबाइल ऐप के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है और सोसायटी संचालक सुबह 9.30 बजे से टोकन जारी कर कर रहे है। टोकन सात दिनों तक वैध रहेंगे और आधार आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण अनिवार्य किया गया है, जिससे बिना किसान की सहमति कोई टोकन जारी नहीं हो सकेगा। सेवा सहकारी समितियों में कृषकों को लिए नगद लेनदेन हेतु माइक्रो एटीएम की भी सुविधा उपलब्ध है। जिसके माध्यम से कृषक एटीएम कार्ड के माध्यम से प्रतिदिन 10 हजार रुपए तक की राशि आहरण कर सकते है।

सुगम एवं पारदर्शी धान खरीदी के लिए जिला स्तरीय जांच कमेटी गठित

शासन के नीति के अनुरूप जिले में सुगम एवं पारदर्शी धान खरीदी के लिए कलेक्टर द्वारा जिला स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई हैं। जांच कमेटी में अपर कलेक्टर अपूर्व प्रियेश टोप्पो, संयुक्त कलेक्टर राकेश कुमार गोलछा, खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह, जिला विपणन अधिकारी कु.जान्हवी जिलहरे, उप आयुक् सहकारिता व्यास नारायण साहू, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम सी आदि नारायण एवं विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी एस.पी.सिंह शामिल है।

बिलासपुर जिलें में अवैध रूप से भंडारित 75 बोरी धान जब्त

प्रदेश में धान खरीदी अब लय में आ गई है। लगभग सभी उपार्जन केन्द्र खुल गए हैं। किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेचने आने लगे हैं। इस बीच कोचिया और दलालनुमा व्यापारी भी अनुचित लाभ के लिए धान खपाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इनके मंसूबों पर पानी फेरने के लिए के लिए कड़ी कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में बिलासपुर जिले के चकरभाठा में व्यापारी सुरेश पंजवानी धान वाला के कब्जे से अवैध रूप से रखे हुए 75 कट्टी धान जब्त किया गया। जब्त किए धान की मात्रा लगभग 30 क्विंटल है। सरकारी कीमत 1 लाख से ऊपर का है। धान का कोई हिसाब और दस्तावेज व्यापारी जांच टीम को नहीं दे पाया। इसे सांठगांठ करके किसी सोसाइटी में खपाने की आशंका थी, इसके पहले ही बरामद कर लिया गया। मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। कार्रवाई में तहसीलदार बोदरी, खाद्य निरीक्षक और मंडी के कर्मचारी शामिल थे।

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Chhattisgarh: सीएम साय की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक संपन्न, सीएम बोले- प्रत्येक पात्र हितग्राही तक योजनाओं का पहुँचे लाभ

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Chhattisgarh: State-level Disha Committee meeting concluded under the chairmanship of CM Sai, CM said – benefits of schemes should reach every eligible beneficiary.

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में राज्य स्तरीय दिशा समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में विभिन्न विभागों की केंद्र एवं राज्य पोषित योजनाओं की प्रगति की व्यापक और विस्तृत समीक्षा की गई। सीएम साय ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे तथा सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशा समिति की बैठकें अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। इन्हीं बैठकों के माध्यम से केंद्र पोषित योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाती है। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रत्येक 6 माह में दिशा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। उन्होंने बताया कि 26 विभागों के अंतर्गत कुल 81 योीजनाएं संचालित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने सांसदों से आग्रह किया कि वे जिले स्तर पर आयोजित प्रत्येक तिमाही दिशा समिति की बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बैठक की नियमितता, बेहतर समन्वय और समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह समिति विकास कार्यों की दिशा तय करने वाली प्रमुख संस्था है। मुख्यमंत्री साय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित प्रमुख योजनाओं—महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, सांसद आदर्श ग्राम योजना, और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की।

बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से संबंधित पीएम जनमन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की स्थिति पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री साय ने निर्देशित किया कि शत-प्रतिशत पात्र किसानों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए और किसी भी पात्र किसान को लाभ से वंचित न रखा जाए। उन्होंने इस दौरान वनभूमि पट्टाधारियों के एग्रीस्टेक पंजीयन की स्थिति की भी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से प्रारम्भ हुई डेयरी समग्र विकास योजना की समीक्षा के दौरान धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के साथ-साथ पारंपरिक रूप से दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि योजना को बढ़ावा मिले और अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हों।

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नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), मिशन अमृत, तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने शहरी आवास निर्माण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर विशेष ज़ोर दिया।

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के अंतर्गत जारी आयुष्मान कार्ड एवं वय वंदन कार्ड की संख्या पर विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने नियद नेल्ला नार क्षेत्र के गांवों में विशेष अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही आयुष्मान कार्ड से जुड़ी शिकायतों पर कठोर कार्रवाई करने और हितग्राहियों की सुविधा के लिए राज्य-स्तरीय हेल्पलाइन नंबर जारी करने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं पोषण योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मध्याह्न भोजन की उत्कृष्ट गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ महिला और स्वस्थ बच्चे ही स्वस्थ प्रदेश के विकास का आधार हैं। उन्होंने ‘न्योता भोज’ पहल की निरंतरता की जानकारी ली और जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों को सक्रिय सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने टेलिकॉम सेक्टर में भारत नेट परियोजना की प्रगति धीमी होने पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने फाइबर नेटवर्क का कार्य शीघ्र पूर्ण करने और बस्तर एवं सुदूर क्षेत्रों में नेटवर्क विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। बैठक में रेलवे द्वारा किए जा रहे कार्यों की स्थिति की जानकारी भी ली गई।

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बैठक में राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम, विधायक ईश्वर साहू, मुख्य सचिव विकासशील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, पंचायत विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुकेश बंसल, बसव राजू एस. सहित विभागों के भारसाधक सचिव एवं सदस्यगण उपस्थित थे।

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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने पर मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई

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Chhattisgarh: Chief Minister Sai congratulated eminent Chhattisgarh litterateur Vinod Kumar Shukla on being awarded the Jnanpith Award

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को साहित्य जगत के प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य की उस विराट परंपरा के प्रतिनिधि हैं, जिसने अपनी सादगी, संवेदना और अद्भुत लेखन-शक्ति से साहित्य की दुनिया में एक विशिष्ट स्थान बनाया है। उनकी लेखनी ने न केवल हिंदी भाषा को समृद्ध किया है, बल्कि पाठकों की अनेक पीढ़ियों को गहराई से प्रभावित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि विनोद कुमार शुक्ल को यह सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान साहित्य जगत में उनके अद्वितीय योगदान को प्रदर्शित करता है। मुख्यमंत्री साय ने विनोद कुमार शुक्ल के सुदीर्घ, स्वस्थ और सक्रिय जीवन की कामना करते हुए कहा कि उनका रचनात्मक योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

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Janjatiya Gaurav Divas: जनजातीय समुदायों का योगदान भारत के इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय- राष्ट्रपति मुर्मू

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Janjatiya Gaurav Divas: Contribution of tribal communities is a glorious chapter in the history of India – President Murmu

Ambikapur: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, सरगुजा में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ समारोह में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदायों का योगदान भारत के इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय है, जो लोकतंत्र की जननी है। इसके उदाहरण प्राचीन गणराज्यों के साथ-साथ कई जनजातीय परंपराओं में भी देखे जा सकते हैं, जैसे कि बस्तर में ‘मुरिया दरबार’ – जो आदिम लोगों की संसद है। राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय विरासत की जड़ें छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड सहित देश के विभिन्न हिस्सों में गहरी हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 नवंबर से 15 नवंबर तक जनजातीय गौरव पखवाड़े को बड़े स्तर पर मनाया।

राष्ट्रपति ने कहा- कि पिछले एक दशक में, जनजातीय समुदायों के विकास और कल्याण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजनाएँ विकसित और कार्यान्वित की गई हैं। पिछले वर्ष, गांधी जयंती के अवसर पर ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ शुरू किया गया था। इस अभियान का लाभ देश भर के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय भाई-बहनों तक पहुंचेगा। वर्ष 2023 में, 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन अभियान) शुरू किया गया। ये सभी योजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार जनजातीय समुदायों को कितनी प्राथमिकता देती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदायों के विकास प्रयासों को नई ऊर्जा देने के लिए, भारत सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के वर्ष के दौरान ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ शुरू किया है। उन्होंने उल्लेख किया कि इस अभियान के तहत देश भर में लगभग 20 लाख स्वयंसेवकों का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये स्वयंसेवक जमीनी स्तर पर काम करके जनजातीय समुदायों का विकास सुनिश्चित करेंगे।

राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि छत्तीसगढ़ सहित देश भर में लोग वामपंथी उग्रवाद का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के सुविचारित और सुसंगठित प्रयासों से निकट भविष्य में वामपंथी उग्रवाद का उन्मूलन संभव हो पाएगा। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि हाल ही में आयोजित ‘बस्तर ओलंपिक्स’ में 1,65,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय महापुरुषों के आदर्शों का पालन करते हुए, छत्तीसगढ़ के लोग एक सशक्त, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में अमूल्य योगदान देंगे।

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Chhattisgarh: स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को मिली दो ऐतिहासिक उपलब्धि, जिला अस्पताल पंडरी, रायपुर और बलौदाबाजार को मिला राष्ट्रीय स्तर का क्वालिटी सर्टिफिकेट

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Chhattisgarh achieved two historic achievements in the field of health services, District Hospital Pandri, Raipur and Balodabazar received national level quality certificate

Raipur: छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। जिला अस्पताल पंडरी रायपुर और जिला अस्पताल बलौदाबाजार की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) को भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम (NQAS) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर का गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। इनमें पंडरी रायपुर की IPHL देश की प्रथम, जबकि बलौदाबाजार की IPHL देश एवं राज्य की द्वितीय प्रमाणित लैब बनी है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और वैज्ञानिक मानकों पर आधारित लैब सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को प्रमाणित करती है।

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयासों का यह सीधा परिणाम है कि जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच राज्य की कुल 832 स्वास्थ्य संस्थाओं का राष्ट्रीय मानकों के आधार पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण किया गया है। इनमें दंतेवाड़ा के दूरस्थ क्षेत्र चिंतागुफा जैसे दुर्गम इलाकों के स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि देश में पहली बार किसी राज्य में लैब्स की इतनी बड़ी और व्यवस्थित श्रृंखला का मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण हुआ है, जिसने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट स्थान दिलाया है।

दोनो लैब्स का मूल्यांकन भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा नामित विशेषज्ञ मूल्यांकनकर्ताओं की टीमों ने किया। पंडरी रायपुर की IPHL का मूल्यांकन 10 सितंबर 2025, जबकि बलौदाबाजार की IPHL का मूल्यांकन 11 सितंबर 2025 को किया गया। दोनों टीमों ने लैब की कार्यप्रणाली, मरीज केंद्रित सेवाएं, गुणवत्ता नियंत्रण, समयबद्ध रिपोर्टिंग और सुरक्षा प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की। मूल्यांकन उपरांत, पंडरी रायपुर IPHL को 90% और बलौदाबाजार IPHL को 88% स्कोर के साथ प्रमाणन प्राप्त हुआ। यह स्कोर स्वास्थ्य गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानकों में उत्कृष्ट श्रेणी में आता है।

इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की अवधारणा का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीजों को एक ही छत के नीचे पैथोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित सभी प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध हों। इससे न केवल जांच की गति और विश्वसनीयता बढ़ती है, बल्कि लोगों को महंगी निजी जांच लैब्स पर अनावश्यक निर्भरता से भी राहत मिलती है। एकीकृत मॉडल होने के कारण, मरीजों को एक ही स्थान पर किफायती और सटीक जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो पाती है।

पंडरी रायपुर की IPHL पूरे राज्य का मॉडल लैब बन चुकी है। यहां प्रतिदिन 3,000 से अधिक जांचें की जाती हैं और 120 से अधिक प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध हैं। यह लैब ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर कार्य करते हुए रायपुर जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से प्राप्त सैंपल की भी जांच करती है। कई बार आपातकालीन परिस्थितियों में यह लैब मेडिकल कॉलेज और अन्य जिलों से आए नमूनों की जांच भी करती रही है, जिससे इसकी क्षमता और उपयोगिता दोनों प्रमाणित होती हैं।

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बलौदाबाजार की IPHL भी सेवा गुणवत्ता के मामले में तेजी से उभरती हुई लैब है। यहां प्रतिदिन 1,000 से 1,200 जांचें की जाती हैं और 100 से अधिक प्रकार की लैब टेस्टिंग उपलब्ध है। लैब में अत्याधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षित तकनीशियनों और समयबद्ध रिपोर्टिंग की वजह से जिले के हजारों मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है। ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों के मरीजों को अब जांच के लिए शहर या निजी लैब्स में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पूर्व में भी पंडरी रायपुर IPHL के मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा चुकी है। देश के 13 से अधिक राज्यों की टीमें उक्त लैब का निरीक्षण कर इसकी कार्यप्रणाली का अवलोकन कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, भारत सरकार द्वारा इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स हेतु जारी की गई विस्तृत गाइडलाइन के मुख्य पृष्ठ पर रायपुर IPHL की फोटो प्रकाशित की गई है। इस मॉडल को PM–ABHIM के अंतर्गत पूरे देश में स्थापित किए जा रहे IPHL नेटवर्क के मार्गदर्शक स्वरूप में अपनाया गया है।

छत्तीसगढ़ में गुणवत्ता आधारित मूल्यांकन की यह प्रक्रिया केवल प्रमाणीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य प्रणाली में स्थायी सुधार की दिशा में एक ठोस कदम है। NQAS के मानकों में साफ-सफाई, सुरक्षा, रोगी संतुष्टि, रिकॉर्ड प्रबंधन, तकनीकी गुणवत्ता, उपकरण कैलिब्रेशन, बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट और स्टाफ क्षमता निर्माण जैसे बिंदुओं का कड़ाई से पालन अनिवार्य है। दोनों लैब्स ने इन सभी मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए यह उपलब्धि अर्जित की है।

आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि NQAS कार्यक्रम भारत सरकार का एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसके जरिए सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार को संस्थागत स्वरूप दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में निर्धारित चेकलिस्ट बेहद व्यापक है और प्रमाणन तभी मिलता है जब कोई संस्थान सभी मानकों पर सतत् उत्कृष्टता प्रदर्शित करे। छत्तीसगढ़ की दोनों IPHL लैब्स ने जिस दक्षता और अनुशासन के साथ सभी मापदंडों को पूरा किया है, वह राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की मजबूती और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ गुणवत्ता सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया में लैब तकनीशियनों, चिकित्सकों और प्रबंधन टीमों ने बड़े समर्पण और परिश्रम के साथ कार्य किया है। पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार IPHL की उपलब्धि पूरे राज्य के लिए प्रेरक है और आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इसी मॉडल को सुदृढ़ता से लागू किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा दोनों जिला अस्पतालों की IPHL टीमों—चिकित्सकों, तकनीशियनों और स्टाफ—को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, और IPHLs के राष्ट्रीय प्रमाणन से राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई विश्वसनीयता और मजबूती मिली है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित मानव संसाधन से लैस कर रही है। IPHL जैसी उच्च गुणवत्ता वाली लैब्स ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े इलाकों में समय पर स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आने वाले वर्षों में राज्य भर के जिला अस्पतालों और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों को इसी मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा।

यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए केवल प्रमाणन नहीं, बल्कि यह संकेत भी है कि राज्य अब राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता केंद्रित स्वास्थ्य प्रबंधन की दिशा में अग्रसर है। IPHL मॉडल के विस्तार से रोगियों की जाँच सेवाएँ और अधिक सुलभ, तीव्र और विश्वसनीय होंगी। इसका सीधा लाभ लाखों नागरिकों को मिलेगा और राज्य के स्वास्थ्य सूचकांकों में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। दोनों IPHL लैब्स की सफलता यह प्रमाणित करती है कि जब वैज्ञानिक मानकों, प्रशिक्षित मानव संसाधन, आधुनिक तकनीक और शासन की दृढ़ इच्छाशक्ति का संगम होता है, तब स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरक मॉडल है और आने वाले समय में स्वास्थ्य गुणवत्ता सुधार की दिशा में नए मानक स्थापित करेगी।

“पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार जिलों की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स को देश की प्रथम और द्वितीय क्वालिटी सर्टिफाइड IPHL बनने पर स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य तंत्र में आ रहे व्यापक, वैज्ञानिक और संरचनात्मक सुधारों का प्रमाण है। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, और राष्ट्रीय स्तर के इस प्रमाणन ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई विश्वसनीयता और मजबूती प्रदान की है। IPHL मॉडल ने ग्रामीण, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों तक विश्वसनीय जांच सेवाएँ पहुँचाने का मार्ग मजबूत किया है, और आने वाले समय में राज्य के सभी जिला अस्पतालों को आधुनिक, दक्ष और मानकीकृत मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा।” – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

“पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार IPHL के देश की प्रथम और द्वितीय क्वालिटी सर्टिफाइड इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब बनने पर प्रदेशवासियों और पूरी स्वास्थ्य टीम को बधाई। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली में आए ऐतिहासिक बदलाव का परिणाम है। राज्य सरकार प्राथमिक से लेकर जिला स्तर तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षित मानव संसाधन और सशक्त गुणवत्ता तंत्र से लैस कर रही है। IPHL मॉडल ने जांच सेवाओं को तेज, सटीक और किफायती बनाकर ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच को मजबूत किया है। आने वाले समय में इसी उच्च गुणवत्ता मॉडल का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता का अग्रणी राज्य बनेगा।” – स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

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