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SIM Card: आपके सिम कार्ड में तो नहीं है चीनी चिप, भारत सरकार उठा रही है बड़ा कदम

SIM Card: राष्ट्रीय सुरक्षा में साइबर चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार जल्द ही एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। यदि आप अपने मोबाइल में पुराना सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको अपना सिम कार्ड बदलना पड़े। भारत सरकार मोबाइल फोन में उपयोग हो रहे पुराने सिम कार्ड्स को बदलने पर विचार कर रही है। दरअसल देश की प्रमुख साइबर सुरक्षा एजेंसी द्वारा की गई एक जांच में सामने आया है, कि कुछ सिम कार्ड्स में इस्तेमाल हो रहे चिपसेट्स चीन से आए थे। यह जांच राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (National Cyber Security Coordinator- NCSC) और गृह मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। भारत सरकार जांच में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर साइबर चुनौतियों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा कर रही है और पुराने सिम कार्ड्स को बदलने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
क्या है मामला?
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, NCSC ने देश के प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स जैसे रिलायंस जिओ, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) के वरिष्ठ अधिकारियों और दूरसंचार मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सिम कार्ड आपूर्ति प्रक्रिया की खामियों और पुराने सिम कार्ड्स को बदलने के लिए एक रूपरेखा पर चर्चा की गई। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने हुआवेई (Huawei) और जेडटीई (ZTE) जैसे चीनी उपकरण निर्माताओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब राष्ट्रीय सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सरकार ने नियम बनाया है कि देश में किसी भी प्रकार के टेलीकॉम उपकरण के आयात, बिक्री या उपयोग से पहले उनकी अनिवार्य टेस्टिंग और प्रमाणन किया जाएगा। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि जो भी टेलीकॉम उपकरण भारत में उपयोग किए जाएं, वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, प्रदर्शन और गुणवत्ता मानकों पर खरे उतरें।
किन सिम कार्ड्स पर हो सकता है असर
मार्च 2021 में दूरसंचार विभाग (DoT) ने Unified Access Service License में संशोधन किया था, जिसमें कहा गया था कि टेलीकॉम कंपनियां किसी अविश्वसनीय वेंडर से? उपकरण नहीं खरीद सकेंगी। NCSC को यह जिम्मेदारी दी गई कि वह केवल विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं को ही मंजूरी देगा, लेकिन जांच में पाया गया कि कुछ वेंडर्स ने इस प्रणाली का भी दुरुपयोग किया और उनके द्वारा आपूर्ति किए गए चिप्स में चीनी घटक शामिल थे। इसलिए प्रभावित सिम कार्ड्स 2021 से पहले और बाद के समय दोनों से जुड़े हो सकते हैं।
भारतीय सिम कार्ड्स में चीनी चिप्स कैसे पहुंचे?
देश में सेवाएं दे रहीं टेलीकॉम कंपनियां सर्टिफाइड वेंडर्स से सिम कार्ड्स खरीदती हैं। ये वेंडर्स चिप्स को विश्वसनीय स्रोतों जैसे वियतनाम या ताइवान से मंगवाकर भारत में ही उनका असेंबली, पैकेजिंग और सीरियलाइजेशन करते हैं, लेकिन जांच में सामने आया कि कुछ वेंडर्स ने ट्रस्टेड सोर्स सर्टिफिकेशन का दुरुपयोग किया। पहले उन्होंने यह दर्शाया कि उनके द्वारा उपयोग किए गए चिप्स विश्वसनीय स्रोतों से आए हैं, लेकिन बाद में पता चला कि कुछ चिप्स वास्तव में चीन से मंगवाए गए थे।
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EPFO: कर्मचारियों को सरकार का दिवाली गिफ्ट, अब ईपीएफ अकाउंट से पूरा पैसा निकाल सकेंगे

EPF Part Withdrawals: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सोमवार को कई बड़े फैसले लिए हैं। अब सदस्य अपने EPF खाते की कुल राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हिस्से) निकाल सकेंगे। ईपीएफओ ने सेंट्रल लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में सोमवार (13 अक्टूबर) को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग में इसका ऐलान किया। कर्मचारियों के हित में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनसे पीएफ निकासी, ब्याज, और डिजिटल सेवाओं में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
ईपीएफओ की मीटिंग में लिए गए बड़े फैसले
सीबीटी ने ईपीएफ के सदस्यों के जीवन को आसान बनाने के लिए 13 जटिल प्रावधानों को एक ही नियम में विलय कर ईपीएफ योजना के आंशिक निकासी प्रावधानों को सरल बनाया गया है। निकासी के लिए खर्च को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है यानी जरूरी (बीमारी, शिक्षा, विवाह), घर की जरूरत और विशेष परिस्थितियां।
1. ग्राहकों को अब पूरा पैसा निकालने की अनुमति
EPFO ने आंशिक निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब सदस्य अपने EPF खाते की कुल राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हिस्से) तक निकाल सकेंगे। सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा की आवश्यकता को भी घटाकर केवल 12 महीने कर दिया गया है।
2. 13 नियमों की जगह निकासी के लिए सिर्फ तीन कैटेगरी
पुराने 13 जटिल नियमों को मिलाकर आशिक निकासी के लिए अब केवल तीन श्रेणियां रखी गई हैं-
(1) आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी)
(2) हाउसिंग जरूरतें
(3) विशेष परिस्थितियां।
3. शिक्षा व शादी के लिए अधिक बार निकासी
अब शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार तक निकासी की जा सकेगी। पहले इन दोनों के लिए निकासी की कुल 3 बार की ही अनुमति थी।
4. बिना कारण बताए निकासी की सुविधा
‘विशेष परिस्थितियों’ (जैसे बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा आदि) में अब कारण बताए बिना निकासी की जा सकेगी। इससे क्लेम रिजेक्ट होने की समस्या खत्म होगी।
5. 25% राशि मिनिमम बैलेंस के रूप में रखनी होगी
सदस्यों के खाते में हमेशा 25% राशि न्यूनतम बैलेंस के रूप में रखनी होगी। इससे 8.25% ब्याज दर और कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ मिलता रहेगा। अब पीएफ जमा में देरी पर जुर्माना घटाकर 1% प्रति माह किया गया है।
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IPS Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन सुसाइड मामले में FIR दर्ज, आईएएस पत्नी की शिकायत पर दर्ज हुई FIR

IPS Y Puran Kumar suicide case: हरियाणा में पदस्थ 2001 बैच के आईपीएस वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले में FIR दर्ज की गई है। इसमें हरियाणा पुलिस के कई शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। उनकी IAS पत्नी अमनीत पी कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि आईपीएस के ‘अंतिम नोट’ में जिन लोगों का नाम था उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वाई पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने मंगलवार (07 अक्टूबर) को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके शरीर पर गोली लगने के निशान थे। कथित तौर पर उन्होंने अपने सर्विस रिवॉल्वर से खुदकुशी कर ली थी। मौके से पुलिस को 8 पेज का सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उन्होंने कई सीनियर अफसरों के नाम लिखे थे और उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
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Modi Cabinet: कैबिनेट ने 24,634 करोड़ रुपये की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं मंजूरी दी, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत 4 राज्यों के 18 जिलों को करेगी कवर

Central Cabinet Decisions:प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 24,634 करोड़ रुपये की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिली। स्वीकृत रेल परियोजनाओं में महाराष्ट्र में 314 किलोमीटर लंबा वर्धा-भुसावल खंड, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैला 84 किलोमीटर लंबा गोंदिया-डोंगरगढ़ खंड, गुजरात और मध्य प्रदेश को कवर करने वाला 259 किलोमीटर लंबा वडोदरा-रतलाम कॉरिडोर और मध्य प्रदेश में 237 किलोमीटर लंबा इटारसी-भोपाल-बीना खंड शामिल हैं।
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज स्वीकृत की गई चार रेल परियोजनाओं से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों को कवर करने वाली भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर का इजाफा होगा। स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3,633 गांवों, जिनकी आबादी लगभग 85.84 लाख है, और दो आकांक्षी जिलों (विदिशा और राजनांदगांव) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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Chandigarh: हरियाणा पुलिस के आईजी रैंक के अफसर ने गोली मारकर की आत्महत्या, सेक्टर-11 की घटना

Chandigarh: पंजाब व हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में मंगलवार को बड़ी घटना हुई है। यहां हरियाणा पुलिस के आईजी रैंक के अफसर वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। घटना चंडीगढ़ के सेक्टर-11 की है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची है। चंडीगढ़ की एसएसपी, सीएफएसएल और फोरेंसिक टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई है।
जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस के आईजी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ सेक्टर-11 स्थित अपनी कोठी में सुसाइड किया है। आईजी वाई पूरन कुमार की कुछ दिन पहले ही रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) में आईजी के तौर पर तैनाती हुई थी। वाई पूरण कुमार की आईएएस पत्नी पी अमनीत कुमार विदेश दौरे पर हैं। वे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मंत्री राव नरवीर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी के साथ जापान दौरे पर हैं।
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Jaipur SMS Fire: जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में आग, 8 मरीजों की मौत

Jaipur:राजस्थान की राजधानी जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह (SMS) में रविवार (5 अक्टूबर) की रात 11 बजकर 20 मिनट पर आग लग गई। इस हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं शामिल हैं। यह आग हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर में लगी। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है। उन्होंने हादसे की जांच के लिए शासन स्तर पर 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
मरीजों के परिजनों का आरोप है कि हादसे से करीब 20 मिनट पहले ही हल्का धुआं दिखने पर आईसीयू में मौजूद मेडिकल स्टाफ को जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं आग की लपटें दिखने और धुआं बढ़ने पर मेडिकल स्टाफ मदद करने के बजाय मौके से भाग निकला। हॉस्पिटल स्टाफ मरीजों को आईसीयू में छोड़कर नीचे वाली फ्लोर पर चला गया। परिजनों ने खुद ही अपने पेशेंट को जैसे-तैसे निकालकर ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया।