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ईद की मुबारकबाद देते हुए आखिर क्यों दुखी नजर आए शिवपाल यादव, किसने पहुंचाई दिल पर चोट?
Shivpal Yadav Tweet: समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव पार्टी के अंदर खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इस बात का दर्द वो कई बार जाहिर कर चुके हैं। अब उन्होंने एक बार फिर भतीजे अखिलेश यादव का नाम लिए बिना निशाना साधा है। मंगलवार को ईद की मुबारकबाद के लिए किए गए शिवपाल सिंह यादव के ट्वीट में उनका दर्द एक बार फिर छलक पड़ा। शिवपाल ने कहा, ‘अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया! इसके बावजूद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर तक उसने हृदय को चोट दी होगी! हमने उसे चलना सिखाया.. और वो हमें रौंदते चला गया.. एक बार पुनः पुनर्गठन,आत्मविश्वास व सबके सहयोग की अप्रतिम शक्ति से ईद की मुबारकबाद।
अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया!
इसके बावजूद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर तक उसने हृदय को चोट दी होगी!हमने उसे चलना सिखाया..
और वो हमें रौंदते चला गया..
एक बार पुनः पुनर्गठन,आत्मविश्वास व सबके सहयोग की अप्रतिम शक्ति से ईद की मुबारकबाद।— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) May 3, 2022
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UP Police Exam: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा की तारीखों का हुआ ऐलान, इन तारीखों में होगी परीक्षा
UP Police Constable Exam: उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही भर्ती परीक्षा की तारीखों का ऐलान हो गया है। पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा दिनांक 23,24,25 अगस्त एवं 30,31 अगस्त 2024 को आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा “आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती 2023 की लिखित परीक्षा उपरोक्त उल्लिखित तिथियों में आयोजित की जायेगी। जन्माष्टमी त्योहार के कारण परीक्षा में अंतराल दिया गया है। उक्त तिथियों को प्रतिदिन 02 पालियों में परीक्षा संपन्न होगी तथा प्रति पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अवगत कराना है कि यह परीक्षा पूर्व में निरस्त कर दी गयी थी। मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देशित किया गया था कि यह परीक्षा 6 माह के अंदर शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को दृष्टिगत रखते हुये पुनः आयोजित करायी जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस परीक्षा को एक निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत शुधितापूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से उच्चतम मानकों के अनुसार आयोजित करने की प्रतिबद्धता के कम में यह कार्यकम घोषित किया गया है।
पुलिस बोर्ड की ओर से जानकारी दी गई है कि चयन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से कराये जाने के संबंध में परीक्षा संबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं यथा-परीक्षा की तैयारियों, परीक्षा केन्द्रों के चयन, परीक्षार्थियों का सत्यापन, छद्मनिरूपण रोके जाने आदि हेतु विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक-19.06.2024 को जारी किए गये हैं। यह परीक्षा इन सभी मानकों के अनुसार की जा रही है।
परीक्षा में गड़बड़ी पर मिलेगा कड़ा दंड
विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि को रोकने के लिए उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या-6, सन् 2024) दिनांक 01 जुलाई, 2024 को अधिसूचित किया गया है, इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि इस अधिनियम के अन्तर्गत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या नकल कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो इस अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय है। ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है।
अभ्यर्थियों को मिलेगी यह सुविधा
उक्त परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की निःशुल्क बस सेवा की सुविधा रहेगी। अभ्यर्थी अपनी सुविधानुसार इसका लाभ ले सकते हैं, जिसके लिए बस से यात्रा करने वाले अभ्यर्थियों को अपने प्रवेश पत्र की अतिरिक्त दो प्रतियों डाउनलोड करनी होंगी तथा उसकी एक प्रति परीक्षा केन्द्र के जनपद तक की यात्रा एवं दूसरी प्रति परीक्षा उपरान्त अपने जनपद तक की यात्रा के लिए बस कंडक्टर को प्रस्तुत करना होगा।
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UP News: तैनाती की जगह ही निवास करें एसडीएम और तहसीलदार, यूपी सरकार का आदेश
Lucknow: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने समस्याओं के निराकरण में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
7 दिन के अंदर जमा करना होगा सर्टिफिकेट
मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुसार संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात किए गए हैं, वहीं निवास करें। सभी जिलाधिकारी ईमेल आईडी पर 7 दिन के अंदर इस आशय का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएंगे।
आक्समिक जांच में कमी पाए जाने पर होगी कठोर कार्रवाई
जारी निर्देशों का पालन कड़ाई से हो रहा है या नहीं, इसको देखने के लिए संबंधित मंडलायुक्त एवं शासन स्तर से आकस्मिक निरीक्षण व जांच भी की जाएगी। संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी यदि तहसील में निवासरत नहीं पाए गए तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित जिलाधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
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UP News: भिखारी को पहनाए अपने कपड़े, फिर कार में जिंदा जलाया,17 साल बाद खुला राज
Agra: आगरा में हत्या के एक ऐसे मामले का खुलासा हुआ है, जिसकी कहानी किसी थ्रिलर फिल्म की तरह है। एक शख्स ने किसी फिल्म की तरह अपनी मौत की झूठी कहानी रची और बीमा कंपनियों से 90 लाख रुपए हड़प लिये। मामले में पुलिस मुख्य आरोपी अनिल और विजयपाल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब थाना रकाबगंज पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान परसौल निवासी रामवीर के रूप में हुई है।
भिखारी को खाने का लालच देकर मारा
आगरा में पारसौल गांव निवासी अनिल मलिक ने 3 जुलाई 2006 को एक भिखारी को खाना खिलाने का लालच देकर जाल में फंसाया और अपने कपड़े पहनाकर कार में बिठा दिया और खाने में नशे की गोलियां मिला दीं। इसके बाद भिखारी के बेहोश हो जाने पर कार में आग लगा दी थी। मामले में अनिल के परिजनों ने कार में जले व्यक्ति की शिनाख्त अनिल मलिक के रूप में की थी। अनिल ने वारदात में पिता, भाई और दोस्तों को भी शामिल कर लिया था।
बीमा पॉलिसी के 90 लाख हड़प लिए
परिजनों ने अनिल के नाम की बीमा पॉलिसी के 80 लाख रुपए और कार बीमा के 10 लाख रुपए हड़प लिए थे। इसके बाद अनिल मलिक नाम बदलकर चौधरी राजकुमार की नई पहचान से गुजरात के अहमदाबाद में रहने लगा। उसने बदले नाम से ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक में खाता भी हासिल कर लिया था। वारदात के करीब 17 वर्ष बाद 2023 में अहमदाबाद पुलिस ने किसी सूत्र से मिली जानकारी के बाद नाम बदलकर रह रहे चौधरी राजकुमार को शक के आधार पर हिरासत में लेकर छानबीन की। जिसके बाद पूरे मामले खुलासा हुआ।
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Ayodhya: रामलला के पुजारियों के तय हुआ ड्रेस कोड, मंदिर में नहीं ले जा सकेंगे एंड्राॅएड फोन
Ayodhya: रामलला की पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी अब एक तय ड्रेस कोड में रहेंगे। मंदिर के पुजारियों को सफेद धोती व पीली चौबंदी धारण करना होगी। ट्रस्ट की ओर से पुजारियों को तीन सेट गर्मी के लिए व तीन सेट ठंडी के लिए ड्रेस दी जाएगी। जल्द ही सभी पुजारियों को ड्रेस उपलब्ध करा दी जाएगी। साथ ही रामलला की पूजा-अर्चना करने वाले सभी 25 पुजारियों को राममंदिर ट्रस्ट की ओर से की-पैड फोन दिया गया है। राम मंदिर परिसर में पुजारी अब एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। मंदिर में फोटोग्राफी, वीडियो बनाने की सख्त मनाही है।
ट्रस्ट की ओर से पुजारियों को की-पैड वाले फोन दे दिये हैं। पुजारी राममंदिर में इसी फोन का इस्तेमाल बात करने के लिए करेंगे। जबकि उनके एंड्रायड फोन को मंदिर में बने लॉकर रूम में जमा करा दिया जाएगा। शुक्रवार को राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने नए पुजारियों के साथ चर्चा कर उन्हें राममंदिर की आचार संहिताओं की जानकारी दी।
राममंदिर के पुजारियों के लिए रोस्टर सिस्टम भी शुरू किया जा रहा है। नई व्यवस्था 22 जुलाई से प्रभावी होगी। सभी पुजारियों को जारी किए गए रोस्टर की एक-एक प्रति उपलब्ध करा दी गई है। नए पुजारी पुराने पुजारियों के साथ रोस्टर के अनुसार ही पूजा-पाठ करेंगे। जो पुजारी गर्भगृह में लगाए गए हैं उनकी ड़्यूटी आठ से 10 घंटे की होगी। जबकि कुबेर टीला, यज्ञ मंडपम, अस्थायी मंदिर में विराजमान हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए रोस्टर अलग होगा। यहां चार से छह घंटे के लिए पुजारियों को लगाया जाएगा।
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UP News: कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपनी पहचान स्पष्ट लिखनी होगी, हलाल सर्टिफिकेशन प्रोडक्ट बेचने पर होगी कड़ी कार्रवाई
Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर संचालकों-मालिकों का नाम और पहचान बतानी होगी। शुक्रवार को यह आदेश जारी करते हुए सीएम योगी ने कहा कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। उधर, इस फैसले का अखिलेश यादव और मायावती ने कड़ा विरोध किया है।
यूपी में मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया था। इसके पीछे पुलिस का कहना था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कोई दुविधा नहीं रहेगी। मतलब, दुकानदार का धर्म पता चल सकेगा। इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। यूपी में हर साल 4 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से जल उठाते हैं।
मायावती, अखिलेश ने जताया विरोध
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार के इस फैसले पर आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले को असंवैधानिक बताया। कहा- यह फैसला चुनावी लाभ के लिए है। यह प्रयास धर्म विशेष के लोगों का आर्थिक बायकॉट करने का है।
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