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MP News: माइनिंग कॉन्क्लेव में प्राप्त हुए 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव, सीएम बोले-हीरे के बाद अब सोना भी निकालेगा मध्यप्रदेश
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को 2 दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। इस संपदा के दोहन के लिए प्रयास बढ़ाते हुए खनिज क्षेत्र में नए निवेश को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। खनन क्षेत्र के उद्यमियों को राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी। प्रदेश की खनिज संपदा का दोहन करते हुए उत्पाद भी प्रदेश में ही हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सम्पन्न कॉन्क्लेव में विभिन्न 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19,650 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में एमओआईएल (भारत सरकार का उपक्रम) और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य खनिज ब्लॉक से संबंधित “संयुक्त उद्यम समझौता” हस्ताक्षरित भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस कॉन्क्लेव को सफल आयोजन बताते हुए कहा कि प्रदेश के खनिज राजस्व में भी 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य आने वाले समय में प्राप्त किया जाएगा। उद्यमियों के साथ भू-गर्भ शास्त्री, वैज्ञानिक, खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के खनिज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी कॉन्क्लेव में शामिल हुए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति विश्व में सबसे अलग है। जहां अन्य देश राष्ट्र को पिता मानते हैं, हमारे देश में हम भारत माता की जय का उद्घोष करते
हैं। मातृ प्रधान व्यवस्था को प्राचीन काल से प्रश्रय मिला। हम देश को भी मातृ संस्था मानते हैं। शरीर की रचना भी ब्रम्हांड की तरह होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि इस वसुंधरा की नदियां मनुष्य के रक्त प्रवाह के समान हैं। पृथ्वी में भी प्राण होते हैं और वनस्पति में भी प्राण होते हैं, यह हमारी मान्यता अन्य देशों से काफी पुरानी हैं। प्रकृति के दोहन और शोषण के अंतर को समझने की आवश्यकता है। खनिज संपदा की दृष्ट से ईश्वर की कृपा मध्यप्रदेश पर है।
माईनिंग कॉन्क्लेव में प्रमुख निवेश प्रस्ताव
क्र | फर्म/कम्पनी का नाम | प्रोजेक्ट का विवरण | स्थान |
1 | ल्यूगांग इंडिया, नई दिल्ली | प्रदेश में माइनिंग उपकरण निर्माण इकाई स्थापना निवेश राशि 250 करोड़ | – |
2 | इंडियन रेयर अर्थस, मुंबई | रेयर मेटल्स क्लस्टर की स्थापना | औद्योगिक क्षेत्र अचारपुर, जिला भोपाल |
3 | द कमोडिटी हब, गुरूग्राम हरियाणा | कॉपर, रॉकफास्फेट तथा सिलीकॉन बेनीफिकेशन प्लांट की स्थापना, निवेश राशि 2000 करोड़ | बालाघाट एवं खरगौन |
4 | श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर छत्तीसगढ़ | इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़ | उमरिया |
5 | श्री व्रिज आयरन एवं स्टील लिमि. जल विहार कालोनी रायपुर | इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़ | कोतमा शहडोल |
6 | बैर्री अलायज, कोलकाता | प्रदेश में फेरो अलायज इकाई की स्थापना निवेश राशि 400 करोड़ | – |
7 | इन्विनायर पेट्रोडाइन लिमिटेड | कोल बेड मीथेन और कोल गैसीफिकेशन में निवेश राशि 5000 करोड़ | बैतूल और छिंदवाड़ा |
8 | डालमिया सीमेंट, नई दिल्ली | प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़ | सतना |
9 | जे.के. सीमेंट | पन्ना जिले में स्थापित सीमेंट प्लांट का विस्तारीकरण निवेश राशि 2500 करोड़ | पन्ना |
सिंगरौली एवं शहडोल जिले में आवंटित कोल ब्लॉक निवेश राशि 1000 करोड़ | सिंगरौली एवं शहडोल | ||
10 | अंबुजा सीमेंट अहमदाबाद, गुजरात | प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़ | रीवा |
11 | सागर स्टोन इंडस्ट्रीज, जबलपुर | फोस्फोराईट से खाद विनिर्माण इकाई की स्थापना, निवेश राशि 500 करोड़ | छतरपुर |
कुल | 19650 |
हर महीने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में हर महीने अलग-अलग क्षेत्रों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही हैं। इस वर्ष अब तक हुई 4 कॉन्क्लेव के फलस्वरूप लगभग 2500 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आने वाली 23 अक्टूबर को रीवा में “रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव” उद्योग के विभिन्न सेक्टर्स में नए निवेश लाने में सहयोगी होगी।
अयोध्या के राम मंदिर तक पहुंचा मध्यप्रदेश का पत्थर, हीरे के बाद सोना भी निकालेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही यह गर्व का विषय है कि गोंडवाना अंचल के मंडला जिले में खनन से प्राप्त पत्थर का उपयोग अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के गर्भ गृह में लगाने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को मिला। निश्चित ही यह पत्थर गुणवत्ता की दृष्टि से इस योग्य पाया गया कि उसे गर्भगृह में स्थान मिला। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को श्री अनुपम चतुर्वेदी और श्री किशोर ने इस पत्थर का नमूना भेंट किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही मध्यप्रदेश खनिजों के मामले में भी अद्वितीय है। भारत की वसुंधरा में मध्यप्रदेश हृदय प्रदेश होने के साथ रत्न-गर्भा भी है। पन्ना में हीरों का भंडार प्रदेश को अलग पहचान देता है। अब हीरों के साथ सोना भी प्रदेश की धरती से निकलेगा। अन्य खनिजों के खनन के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से माईनिंग कॉन्क्लेव के प्रतिनिधियों और निवेशकों ने की भेंट
कॉन्क्लेव के समापन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सागर स्टोन इंडस्ट्रीज के नितिन शर्मा, कैप्टन स्टील के बैरी अलॉयज, मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल) अजीत कुमार सक्सेना, इंडियन रेयर अर्थस मुंबई के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपेन्द्र सिंह ने भेंट कर मध्यप्रदेश में निवेश के प्रस्तावों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खनिज क्षेत्र के उद्यमियों से वन-टू-वन बातचीत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार निवेश के प्रति गंभीर ही नहीं, संवेदनशील और प्रतिबद्ध भी है। सभी तरह के उद्योगों के लिए बुनियादी सुविधाएं एवं अन्य आवश्यक रियायतें प्रदान की जा रही हैं। इस नाते खनिज क्षेत्र को भी पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।
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MP Cabinet: श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन की स्वीकृति, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को विकसित तथा संरक्षित किया जाएगा
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार शाम को मंत्रालय में हुई। कैबिनेट द्वारा मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियिम 1951 के अंतर्गत “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। स्वीकृति अनुसार भगवान श्रीकृष्ण से संबंध क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जायेगा। न्यास द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं संरचनाओं का प्रबंधन, सांदिपनि गुरुकुल की स्थापना के लिए परामर्श, सुझाव, श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, पुस्तकालय, संग्रहालय की स्थापना आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित न्यास में कुल 28 सदस्य होंगे। इसमें 23 पदेन न्यासी सदस्य तथा 5 ख्याति प्राप्त विद्वत सदस्य, अशासकीय न्यासी सदस्य के रूप में नामांकित होंगे। अशासकीय न्यासी सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष होगा। “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का मुख्यालय भोपाल होगा। इसके लिये 6 पद सृजित किये जायेंगे। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये शासन अथवा अन्य स्त्रोतों से अनुदान एवं दान प्राप्त कर सकता है।
न्यास के संचालन एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये शोध-सर्वेक्षण एवं विकास कार्य के लिये आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास के लिए श्रीकृष्ण पाथेय न्यास विलेख तैयार किया जायेगा। विलेख मे न्यास के अधिकार, कार्यकारी समिति, सदस्यों, कार्यकारी समिति के अधिकार, न्यासी सचिव के अधिकार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार, न्यास के लेखे एवं अंकेक्षण एवं न्यास के कार्यक्षेत्र एवं सीमा से संबंधित विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन होगा।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों में मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जहां-जहां पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रुप में विकसित तथा संरक्षित करना और हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा के महत्व को समझने के लिए सम्बन्धित क्षेत्रों का प्रलेखन (डाक्युमेंटेशन), अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), छायांकन, फिल्मांकन तथा चित्राकंन आदि करना शामिल है। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत अवस्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं उनमें स्थित जल संरचनाओं, वन सम्पदा, उद्यान आदि की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन किया जायेगा। इन धार्मिक तीर्थ स्थलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही उज्जैन में 64 कलाओं और 14 विद्याओं की विधिवत शिक्षा के लिए सांदीपनि गुरुकुल की स्थापना हेतु परामर्श, सुझाव एवं अन्य कार्यवाही की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास की अवधारणा के अनुरुप शिक्षा, संस्कृति, कृषि, गौ एवं पशुधन संवर्धन की विरासत का विकास किया जायेगा। मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में आने वाले श्रीकृष्ण पाथेय के चिन्हांकित स्थलों के अवलोकन, पुरान्वेषण तथा धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, इतिहास आदि की दृष्टि से रचनात्मक विकास हेतु परामर्श, सुझाव एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जायेगी। युवा पीढ़ी को भगवान श्रीकृष्ण की जीवन गाथा और उज्जैन को केन्द्र में रखकर की गई उनकी यात्राओं की महत्ता से अवगत कराते हुए गंतव्य स्थलों के साथ भावनात्मक एवं अनुभवात्मक रूप से जोड़ने की योजनाएं परिकल्पित करना तथा भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियां आयोजित करना इसके उद्देश्यों में शामिल होगा।
केन्द्र एवं राज्य शासन के सर्व संबंधित विभागों के समन्वय से श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास तथा विभिन्न निर्माण एवं अधोसंरचना का विकास किया जायेगा। साथ ही जन-सामान्य को धार्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक रूप से प्रबुद्ध करते हुए पर्यटकों, शोधार्थियों, युवाओं तथा सभी वर्ग के विद्यार्थियों की जानकारी के लिए पुस्तकालयों, संग्रहालयों तथा सूचना केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास द्वारा पौराणिक काल से वर्तमान समय तक भगवान श्रीकृष्ण को जगद्गुरु स्वरुप स्थापित करने में अपना योगदान प्रदान करने वाले अनेक-अनेक तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, मंत्रदृष्टा ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, साहित्यकारों, कलाकारों, वैज्ञानिकों के अवदान का रेखाकंन एवं वाणियों का ध्वन्यांकन तथा फिल्मांकन कराया जायेगा। भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरक कथाओं और चित्रों का चित्रांकन, उत्कीर्णन एवं शिल्पकला की विधा के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार, गैर शासकीय संस्थाओं, संगठनों, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निकायों तथा व्यक्तियों से समन्वय, सहयोग तथा सम्पर्क स्थापित कर वित्तीय एवं अन्य गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जायेगा। साथ ही साथ श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत सभागारों, सामुदायिक केन्द्रों (कम्युनिटी सेंटर) और धर्मशालाओं का निर्माण एवं व्यवस्थापन कार्य किया जायेगा।
चयनित 209 स्टॉफ नर्सों को नियुक्ति दिये जाने की स्वीकृति
कैबिनेट द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल (वर्तमान में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा 27 जनवरी, 2022 को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर स्टॉफ नर्स के पद पर चयनित 209 अभ्यार्थियों को विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में उपलब्ध रिक्त पदों पर नियुक्ति दिये जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
उज्जैन में 127 करोड़ 63 लाख रुपए की लागत की इंगोरिया-उन्हेल सड़क मार्ग की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने उज्जैन जिला अंतर्गत इंगोरिया-उन्हेल (लंबाई 23.71 कि.मी.) 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति दी है। यह सड़क 23.71 कि.मी. लंबी होगी एवं 127 करोड़ 63 लाख रूपये की लागत से म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से विकसित की जायेगी।
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MP News: फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को एमपी सरकार ने किया टैक्स फ्री, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया ऐलान
Bhopal: मध्यप्रदेश सरकार ने फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को टैक्स फ्री कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने AUAP की ओर से आयोजित सेमिनार में फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा है कि फिल्म साबरमती को एमपी के सभी विधायक और सांसद भी देखने जाएंगे। बता दें कि धीरज सरना द्वारा निर्देशित और विक्रांत मैसी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ ने अपने शुरुआती वीकेंड में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया । 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने की दुखद घटना पर आधारित इस फिल्म में रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना भी हैं।
इतिहास के एक काले अध्याय को समझाती है ‘द साबरमती रिपोर्ट’- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की सराहना करते हुए इसे इतिहास के एक काले अध्याय को समझने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा, “यह फिल्म सच्चाई को उजागर करती है। राजनीति अपनी जगह है, लेकिन वोटों की राजनीति के लिए इतना गंदा खेल खेलना बेहद शर्मनाक था। CM यादव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने बेहद कुशलता और धैर्य से इस कठिन समय में गुजरात और देश की इज्जत बचाई।
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MP News: ‘पत्नी को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना क्रूरता’, एमपी हाईकोर्ट की टिप्पणी
Indore: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने तलाक के लिए एक महिला की अर्जी मंजूर करते हुए बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि पति द्वारा पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की मर्जी एवं तौर-तरीके के मुताबिक रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है। दरअसल केंद्र सरकार के एक उपक्रम में प्रबंधक के रूप में इंदौर में पदस्थ 33 वर्षीय एक महिला ने कुटुम्ब कोर्ट में यह आरोप लगाते हुए पति के खिलाफ तलाक का आवेदन दिया था कि वह उसे नौकरी छोड़कर भोपाल में अपने साथ रहने के लिए मानसिक तौर पर परेशान कर रहा है।
इससे पहले महिला की अर्जी कुटुम्ब न्यायालय ने खारिज कर दी थी। कुटुम्ब कोर्ट के आदेश को महिला ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की पीठ ने कानूनी पहलुओं पर गौर करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और महिला की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली।
पीठ ने 13 नवंबर को सुनाए फैसले में कहा, “पति या पत्नी एक साथ रहना चाहते हैं या नहीं, यह उनकी इच्छा पर निर्भर है। पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पक्ष को नौकरी नहीं करने या जीवनसाथी की पसंद के अनुसार कोई नौकरी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।’’ हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में पति ने पत्नी पर दबाव डाला कि वह अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दे। हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की इच्छा एवं तौर-तरीके के अनुसार रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है।
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MP News: राजस्व महा अभियान 3.0 का हुआ शुभारंभ, नामांतरण और खसरे जैसे प्रकरणों का होगा निराकरण
Bhopal: मध्य प्रदेश में राजस्व महा-अभियान-1 और 2 के बाद राजस्व महा-अभियान 3.0 आज से शुरू हो गया। इस अभियान से राजस्व विभाग की सेवाएं आसान होंगी और प्रकरणों का त्वरित निराकरण होगा। राजस्व महा-अभियान 3.0 के तहत राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का तय समयावधि में निराकरण किया जाएगा। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि राजस्व महा अभियान में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ यादव के निर्देश पर एक बार फिर राजस्व महा अभियान चलाया जा रहा है। इसका सीधा-सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि किसानों के राजस्व से संबंधी कार्यों को पूरा किया जायेगा। किसानों के नामांतरण, बटांकन, सीमांकन, नक्शा दुरुस्तीकरण जैसे प्रकरणों को निपटाया जाएगा। राजस्व महा अभियान 3.0 का समापन 30 नवंबर को होगा।
किसानों की समस्याओं का होगा निराकरण
किसानों के राजस्व संबंधी प्रकरण 45 दिन में निपटा दिए जाने चाहिए। शिकायत मिलने पर अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि राजस्व महा अभियान का पहला और दूसरा चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। सरकार का दावा है कि कार्यक्रम से किसानों को काफी लाभ मिला है। अब राजस्व महा अभियान के तीसरे चरण में भी किसानों की समस्याओं का निपटारा हो सकेगा।
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MP Cabinet: शहरी क्षेत्र में मकान बनाने 2.50 लाख, ग्रामीण क्षेत्र में 1.50 रुपए तक की मदद मिलेगी
Bhopal: मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत प्रदेश में साढ़े तीन लाख मकान पीएम आवास को मंजूरी दी। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में एक मकान के लिए 1.50 लाख रुपए और शहरी क्षेत्र में 2.50 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने 3 करोड़ नए पीएम आवास को अनुमति दी है। इसमें एमपी को भी लक्ष्य दिया गया है।
कैबिनेट बैठक में मुरैना में सोलर एनर्जी स्टोरेज सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां सोलर एनर्जी को स्टोरेज किया जाएगा। वहीं, बाबई में 314 एकड़ भूमि और सोलर पॉवर स्टेशन के लिए आवंटित की गई। इससे पहले 214 एकड़ भूमि पर सोलर पॉवर के जमीन दी गई थी। इस परियोजना के सोलर पॉवर में मांग आपूर्ति में संतुलन बनेगा। वहीं, भोपाल के नजदीक भौंरी में सोलर पॉवर के लिए 21.94 एकड़ भूमि आंवटित की गई है।
कैबिनेट में मुख्यमंत्री ने एमपी 2047 के विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए मंत्रियों को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जो विजन डॉक्यूमेंट बनाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, मंत्री विजन डॉक्यूमेंट की समीक्षा करें। जब कैबिनेट में आएं तो समग्र बातें शामिल हों। कैबिनेट बैठक में सीएम डॉ. यादव ने मंत्रियों से जिलों के ज्यादा से ज्यादा दौरे करने के निर्देश दिए।
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