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MP Cabinet: श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन की स्वीकृति, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को विकसित तथा संरक्षित किया जाएगा

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार शाम को मंत्रालय में हुई। कैबिनेट द्वारा मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियिम 1951 के अंतर्गत “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। स्वीकृति अनुसार भगवान श्रीकृष्ण से संबंध क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जायेगा। न्यास द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं संरचनाओं का प्रबंधन, सांदिपनि गुरुकुल की स्थापना के लिए परामर्श, सुझाव, श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, पुस्तकालय, संग्रहालय की स्थापना आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित न्यास में कुल 28 सदस्य होंगे। इसमें 23 पदेन न्यासी सदस्य तथा 5 ख्याति प्राप्त विद्वत सदस्य, अशासकीय न्यासी सदस्य के रूप में नामांकित होंगे। अशासकीय न्यासी सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष होगा। “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का मुख्यालय भोपाल होगा। इसके लिये 6 पद सृजित किये जायेंगे। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये शासन अथवा अन्य स्त्रोतों से अनुदान एवं दान प्राप्त कर सकता है।
न्यास के संचालन एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये शोध-सर्वेक्षण एवं विकास कार्य के लिये आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास के लिए श्रीकृष्ण पाथेय न्यास विलेख तैयार किया जायेगा। विलेख मे न्यास के अधिकार, कार्यकारी समिति, सदस्यों, कार्यकारी समिति के अधिकार, न्यासी सचिव के अधिकार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार, न्यास के लेखे एवं अंकेक्षण एवं न्यास के कार्यक्षेत्र एवं सीमा से संबंधित विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन होगा।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों में मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जहां-जहां पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रुप में विकसित तथा संरक्षित करना और हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा के महत्व को समझने के लिए सम्बन्धित क्षेत्रों का प्रलेखन (डाक्युमेंटेशन), अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), छायांकन, फिल्मांकन तथा चित्राकंन आदि करना शामिल है। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत अवस्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं उनमें स्थित जल संरचनाओं, वन सम्पदा, उद्यान आदि की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन किया जायेगा। इन धार्मिक तीर्थ स्थलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही उज्जैन में 64 कलाओं और 14 विद्याओं की विधिवत शिक्षा के लिए सांदीपनि गुरुकुल की स्थापना हेतु परामर्श, सुझाव एवं अन्य कार्यवाही की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास की अवधारणा के अनुरुप शिक्षा, संस्कृति, कृषि, गौ एवं पशुधन संवर्धन की विरासत का विकास किया जायेगा। मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में आने वाले श्रीकृष्ण पाथेय के चिन्हांकित स्थलों के अवलोकन, पुरान्वेषण तथा धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, इतिहास आदि की दृष्टि से रचनात्मक विकास हेतु परामर्श, सुझाव एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जायेगी। युवा पीढ़ी को भगवान श्रीकृष्ण की जीवन गाथा और उज्जैन को केन्द्र में रखकर की गई उनकी यात्राओं की महत्ता से अवगत कराते हुए गंतव्य स्थलों के साथ भावनात्मक एवं अनुभवात्मक रूप से जोड़ने की योजनाएं परिकल्पित करना तथा भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियां आयोजित करना इसके उद्देश्यों में शामिल होगा।
केन्द्र एवं राज्य शासन के सर्व संबंधित विभागों के समन्वय से श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास तथा विभिन्न निर्माण एवं अधोसंरचना का विकास किया जायेगा। साथ ही जन-सामान्य को धार्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक रूप से प्रबुद्ध करते हुए पर्यटकों, शोधार्थियों, युवाओं तथा सभी वर्ग के विद्यार्थियों की जानकारी के लिए पुस्तकालयों, संग्रहालयों तथा सूचना केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास द्वारा पौराणिक काल से वर्तमान समय तक भगवान श्रीकृष्ण को जगद्गुरु स्वरुप स्थापित करने में अपना योगदान प्रदान करने वाले अनेक-अनेक तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, मंत्रदृष्टा ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, साहित्यकारों, कलाकारों, वैज्ञानिकों के अवदान का रेखाकंन एवं वाणियों का ध्वन्यांकन तथा फिल्मांकन कराया जायेगा। भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरक कथाओं और चित्रों का चित्रांकन, उत्कीर्णन एवं शिल्पकला की विधा के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार, गैर शासकीय संस्थाओं, संगठनों, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निकायों तथा व्यक्तियों से समन्वय, सहयोग तथा सम्पर्क स्थापित कर वित्तीय एवं अन्य गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जायेगा। साथ ही साथ श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत सभागारों, सामुदायिक केन्द्रों (कम्युनिटी सेंटर) और धर्मशालाओं का निर्माण एवं व्यवस्थापन कार्य किया जायेगा।
चयनित 209 स्टॉफ नर्सों को नियुक्ति दिये जाने की स्वीकृति
कैबिनेट द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल (वर्तमान में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा 27 जनवरी, 2022 को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर स्टॉफ नर्स के पद पर चयनित 209 अभ्यार्थियों को विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में उपलब्ध रिक्त पदों पर नियुक्ति दिये जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
उज्जैन में 127 करोड़ 63 लाख रुपए की लागत की इंगोरिया-उन्हेल सड़क मार्ग की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने उज्जैन जिला अंतर्गत इंगोरिया-उन्हेल (लंबाई 23.71 कि.मी.) 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति दी है। यह सड़क 23.71 कि.मी. लंबी होगी एवं 127 करोड़ 63 लाख रूपये की लागत से म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से विकसित की जायेगी।
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Ujjain: महाकाल मंदिर विस्तारीकरण में तकिया मस्जिद ध्वस्त करने का फैसला सही, सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका

Ujjain: उज्जैन महाकाल मंदिर विस्तारीकरण परियोजना के तहत ध्वस्त की गई तकिया मस्जिद को दोबारा बनवाने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने इस मामले में प्रशासन के फैसले को सही ठहराया। तकिया मस्जिद का मामला करीब 10 माह पुराना है, जब मस्जिद को विस्तारीकरण की जद में आने पर तोड़ा गया था। इस फैसले के बाद अब कई दिनों से बंद पड़ा महाकाल मंदिर विस्तारीकरण का काम फिर से शुरू हो सकेगा।
प्रशासन ने मस्जिद को बताया था अवैध
उज्जैन जिला प्रशासन ने इसी साल 11 जनवरी 2025 को महाकाल मंदिर के शक्ति पथ के पास बनी पार्किंग से लगी जमीन को खाली करवाने के लिए बड़ी कार्रवाई की थी। इस दौरान वहां मौजूद 257 मकानों के साथ तकिया मस्जिद को भी ध्वस्त कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष का दावा था कि यह 200 वर्ष पुरानी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है। वहीं, प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण बताते हुए मकानों और मस्जिद को तोड़ा था।
हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत
तकिया मस्जिद को गिराए जाने के खिलाफ, मस्जिद में नमाज़ अदा करने वाले तेरह नमाजियों ने इस कार्रवाई को इंदौर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने जमीन को वक्फ की संपत्ति बताते हुए मस्जिद तोड़ने की प्रक्रिया को गलत ठहराया था। हालांकि, पहले सिंगल बेंच और फिर डबल बेंच, दोनों ने ही याचिकाकर्ताओं की अपील को खारिज कर दिया था और प्रशासन के पक्ष में फैसला सुनाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी अपील की खारिज
हाईकोर्ट में हार के बाद, पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में महाकाल मंदिर के लिए ली गई जमीन के अधिग्रहण को गलत बताया गया था। इसमें आरोप लगाया गया कि वक्फ की जमीन पर गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया और विध्वंस से पहले भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिग्रहण को चुनौती देने वाली और मस्जिद बनाने की अपील को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील सैयद अशहर अली वारसी ने भी पुष्टि की है कि सुप्रीम कोर्ट से उनकी अपील खारिज हो गई है।
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MP Weather: मध्य प्रदेश में अब रातें होंगी ठंडी, बारिश से राहत, अगले पांच दिन साफ रहेगा आसमान

Bhopal: मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी बारिश और गरज-चमक का सिलसिला अब खत्म होने वाला है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिनों तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। वहीं अब रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे ठंड बढ़ने लगेगी। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है, कि आने वाले दिनों में रात का पारा 2 से 3 डिग्री तक लुढ़क सकता है। ठंड का सबसे ज्यादा असर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में देखने को मिलेगा, जहां उत्तरी हवाओं का प्रभाव पहले महसूस होगा।
पहाड़ों पर बर्फबारी का असर जल्द दिखेगा
मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है, जिसका असर अगले 48 घंटों में प्रदेश पर भी पड़ेगा। उत्तरी जिलों-ग्वालियर, चंबल, नीमच, मंदसौर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा और शाजापुर में तापमान तेजी से गिरने लगेगा।
नमी के चलते लगा था ठंड पर ब्रेक
विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ओर से नमी आई थी, जिसके चलते बादल छाए रहे और दिन का तापमान नहीं बढ़ पाया। इस वक्त हरियाणा के पास बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन ठंडी हवाओं को राज्य में प्रवेश करने से रोक रहा है। अगले 24 घंटों में यह सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) में समाहित हो जाएगा, जिसके बाद ठंड तेजी से बढ़ने लगेगी।
कई जिलों में पारा 20 डिग्री के नीचे
पिछले 24 घंटे में श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, सागर, बैतूल, छतरपुर और छिंदवाड़ा में हल्की बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान में गिरावट आई है। नरसिंहपुर में पारा एक रात में 5.4 डिग्री गिरकर 17.2 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं, भोपाल में न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री, इंदौर में 18.2 डिग्री और ग्वालियर में 20.1 डिग्री रहा।पचमढ़ी दिन के समय सबसे ठंडा रहा, जहां अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
नवंबर में ठंड के साथ हो सकती है थोड़ी बहुत बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में औसतन 2.8 इंच बारिश हुई, जो सामान्य से 121% अधिक है। इस बार नवंबर में भी ठंड के साथ बारिश की संभावना जताई जा रही है। भोपाल में 30 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 24 डिग्री रहा, जो पिछले 25 वर्षों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन था।
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Crocodile Attack: चंबल सफारी घूमने आए पर्यटन पर तीन मगरमच्छों ने किया हमला, पर्यटक लापता

Morena: राजस्थान से चंबल सफारी के लिए मुरैना पहुंचे एक पर्यटक पर तीन मगरमच्छों ने अचानक हमला कर दिया। चंबल नदी के राजघाट पुल के पास खड़े करौली राजस्थान के पर्यटक रूप सिंह गुर्जर पर तीन मगरमच्छों ने अचानक हमला कर दिया और उसे खींचकर पानी में ले गए। बताया गया कि रूप सिंह अपने बेटे और बहनोई के साथ चंबल नदी के किनारे खड़े थे, तभी अचानक पानी में हलचल हुई और तीन मगरमच्छों ने उन पर धावा बोल दिया। परिजनों की चीख-पुकार के बावजूद मगरमच्छ कुछ ही सेकंड में उन्हें गहरे पानी में खींच ले गए।
जानकारी अनुसार राजस्थान के करौली जिले का रहना वाला रूप सिंह गुर्जर सोमवार को अपने बेटे और बहनोई के साथ चंबल सफारी के लिए आया था। शाम को करीब 6 बजे तीनों चंबल नदी के राजघाट पुल के नीचे बोटिंग प्वाइंट के पास पहुंचे। चूंकि बोटिंग का टाइम शाम 5 बजे तक ही तय है, तो वहां सिर्फ एक चौकीदार बैठा था और बाकी लोग चले गए थे। बोटिंग बंद होने की वजह से वो नदी के किनारे घूमने लगे।
इसी दौरान रूप सिंह शौच जाने की बात कहकर नए पुल से कुछ आगे निकल गया। उसका बेटा और बहनोई बोटिंग प्वाइंट पर खड़े होकर उसका इंतजार करने लगे। शौच के बाद रूप सिंह जैसे ही नदी के किनारे गया, उसी दौरान एक मगरमच्छ ने उस पर हमला कर दिया और उसका पैर पकड़ लिया। रूप सिंह चीखते-चिल्लाते हुए खुद को छुड़ाने का प्रयास करने लगा। उसकी चीख सुनकर उसका बहनोई और बेटा दौड़कर पास तक पहुंचे ही थे. कि तभी 2 मगरमच्छ और आ गए। इसके बाद तीनों मगरमच्छों ने मिलकर रूप सिंह को नदी में खींच लिया और गहने पानी में लेकर चले गए।
परिजनों की चीख-पुकार और शोर मचाने के बावजूद रूप सिंह को बचाया नहीं जा सका। यह हादसा बोटिंग पॉइंट से महज 50 मीटर की दूरी पर हुआ। घटना के बाद मौके पर भगदड़ मच गई और लोगों में दहशत फैल गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में एसडीआरएफ की टीम चंबल नदी पर सर्चिंग कर रही है। हालांकि 48 घंटे बाद भी रूप सिंह का कुछ पता नहीं चल पाया है।
राजघाट पर्यटक क्षेत्र में न तो कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद रहता है। न चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, जबकि यहां रोजाना मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से बड़ी संख्या में सैलानी बोटिंग करने आते हैं। विदेशी पर्यटक भी यहां अक्सर दिखाई देते हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर व्यवस्था शून्य है।
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Cough Syrup Case: आरोपी डॉक्टर प्रवीण सोनी की पत्नी भी बनाई गई आरोपी, अब तक कुल 7 लोगों को बनाया गया आरोपी

Chhindwara: छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से हुई 22 बच्चों की मौत मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब एसआईटी ने इस केस में आरोपी डॉक्टर प्रवीण सोनी की पत्नी और अपना मेडिकल स्टोर की संचालक ज्योति सोनी को भी सह-आरोपी बनाया है। जांच में सामने आया है कि सिरप की बोतलें छिपाकर साक्ष्य मिटाने की साजिश में डॉक्टर सोनी की पत्नी भी शामिल थी।
74 में से 66 बोतलें लापता
ड्रग विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर प्रवीण सोनी के क्लीनिक से सटा मेडिकल स्टोर “अपना मेडिकल” ज्योति सोनी के नाम से संचालित है। यहां फार्मासिस्ट सौरभ जैन कार्यरत था। रिपोर्ट में पाया गया कि जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ की कुल 74 बोतलों में से 66 बोतलें जांच टीम को नहीं सौंपी गईं। इन्हीं बोतलों में वह जहरीला तत्व मौजूद था, जिससे बच्चों की मौत हुई थी।
साक्ष्य मिटाने का आरोप
एसआईटी को ड्रग विभाग से मिले प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख है कि फार्मासिस्ट सौरभ जैन और प्रोपराइटर ज्योति सोनी ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को बचाने के इरादे से सिरप की बोतलें गायब की हैं। जांच टीम का कहना है कि यह कृत्य “साक्ष्य से छेड़छाड़” की श्रेणी में आता है। इसी आधार पर अब ज्योति सोनी को भी मामले में आरोपी बनाया गया है। फिलहाल वह फरार है और पुलिस की टीम उसकी तलाश में दबिश दे रही है।
अब तक कुल सात लोग बनाए गए आरोपी
कोल्ड्रिफ कफ सिरप से हुई 22 बच्चों की मौत मामले में अब तक कुल सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें डॉक्टर प्रवीण सोनी, उनकी पत्नी ज्योति सोनी, फार्मासिस्ट सौरभ जैन, होलसेलर राजेश सोनी, श्रीसन फार्मा के एमआर सतीश वर्मा, कंपनी के डायरेक्टर और एक अन्य डिस्ट्रीब्यूटर शामिल हैं। सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।
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MP News: डीएसपी ने सहेली के घर से नकदी और मोबाइल पर किया हाथ साफ, सीसीटीवी से खुली पोल, FIR दर्ज

Bhopal:राजधानी भोपाल में एक महिला डीएसपी ने अपनी सहेली के घर से 2 लाख रुपए और मोबाइल चुरा लिया। जब खोजबीन शुरू हुई तो CCTV की पड़ताल में खुलासा हुआ, कि महिला डीएसपी ने ही अपनी सहेली के रुपए और मोबाइल पर हाथ साफ कर दिया है। इस मामले से जुड़े CCTV में महिला अधिकारी, घर में घुसते और लौटते हुए दिख रही है। पुलिस ने आरोपी डीएसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ) में पदस्थ डीएसपी कल्पना रघुवंशी पर अपनी ही सहेली के घर से दो लाख रुपए नकद और मोबाइल फोन चोरी करने का सनसनीखेज आरोप लगा है। जहांगीराबाद थाना पुलिस ने महिला अधिकारी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। CCTV फुटेज में डीएसपी कल्पना रघुवंशी को घर में प्रवेश करते और कुछ देर बाद हाथ में नोटों की गड्डी लिए निकलते हुए देखा गया है।
बेटी की स्कूल फीस के लिए रखे रुपए भी नहीं छोड़े
गल्ला मंडी, जहांगीराबाद निवासी प्रमिला तिवारी इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत हैं। डीएसपी कल्पना रघुवंशी उनकी करीबी दोस्त हैं और अक्सर उनके घर आती-जाती थीं। प्रमिला ने बताया कि 24 सितंबर को वह और उनकी बेटी घर पर थीं। दोपहर में नहाने के लिए कमरे में गईं तो गेट खुला रह गया। इसी दौरान किसी ने कमरे में रखे बैग से 2 लाख रुपए नकद और एक मोबाइल फोन चोरी कर लिया। पीड़िता के मुताबिक, यह नकदी उसने बेटी निक्की की स्कूल फीस के लिए रखी गई थी।
डीएसपी के खिलाफ चोरी की धाराओं में मामला दर्ज
पीड़ित महिला ने घर से कैश और मोबाइल गायब होने पर जब सीसीटीवी की जांच की तो उसे अपनी आंखो पर भरोसा नहीं हुआ। सीसीटीवी में उसकी ही खास सहेली डीएसपी कल्पना रघुवंशी घर में आती-जाती और हाथ में नोटों की गड्डी लिए दिखीं। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद डीएसपी के खिलाफ चोरी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की। आरोप सामने आते ही महिला अधिकारी ने सहेली का मोबाइल फोन तो लौटा दिया, लेकिन नकदी अब तक वापस नहीं की है। जानकारी के अनुसार, एफआईआर के बाद से डीएसपी कल्पना रघुवंशी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
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