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PM Modi Rajya Sabha: जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना खिलेगा, राज्यसभा में बोले मोदी

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Prime Minister Modi fiercely attacked the opposition in the Rajya Sabha

PM Modi Rajya Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज राज्यसभा में अपना संबोधन दिया। इस दौरान विपक्ष ने अडानी-मोदी भाई भाई के नारों के साथ संबोधन के बीच में जमकर हंगामा किया। लेकिन इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने गांधी-नेहरु परिवार के इतिहास से लेकर कांग्रेस सरकार की नीतियों तक पर सवाल उठाते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करके गांधी परिवार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के राज्यसभा में भाषण की 10 बड़ी बातें।

1.जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में जैसे ही अपना संबोधन शुरू किया, विपक्षी सांसद सदन में हंगामा करने लगे। इस पर पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि ‘सदन में जो भी बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है और गंभीरता से लेता है। लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है।’ उन्होंने कहा कि ‘इस प्रकार की प्रवृत्ति के सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाब। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा। कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।’

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2. 60 साल के शासन में देश को गड्ढे ही गड्ढे दिए 

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कल अपने संबोधन में कहा था कि हमने 60 साल में देश को मजबूत बुनियाद दी। उन्होंने कहा था कि बुनियाद हमने बनाई, लेकिन उसका क्रेडिट मोदी ले रहा है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि  2014 में आकर जब मैंने बारीकी से चीजों को देखने का प्रयास किया तो नजर आया कि कांग्रेस के परिवार ने 60 साल में गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। उनका इरादा नेकी का होगा, लेकिन गड्ढे कर दिए थे।’ पीएम ने कहा कि उन्होंने ऐसी कार्यशैली और कल्चर बनाया कि एक भी चुनौती का परमानेंट सॉल्यूशन निकालने का न सोचा, न सूझा और न प्रयास किया। आज हम परमानेंट सॉल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’

3. नेहरु सरनेम रखने से इतना डर क्यों- प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘600 से ज्यादा योजनाएं गांधी-नेहरू के परिवार के नाम पर हैं। अगर अब किसी कार्यक्रम में नेहरू जी का नाम नहीं प्रयोग हुआ तो कुछ लोगों का खून गर्म हो जाता था, लेकिन मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में। इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो।

4. एक प्रधानमंत्री ने 50 चुनी हुई सरकारों को गिराया

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं। उन्होंने राज्यों के अधिकारों को घज्जियां उड़ा दीं। मैं कच्चा-चिट्ठा खोलना चाहता हूं। जरा इतिहास उठाकर देख लीजिए वो कौन पार्टी थी, वो लोग कौन सत्ता में बैठे थे, जिन्होंने जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा बार दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। वो लोग कौन थे, जिन्होंने आर्टिकल 356 का दुरुपयोग किया? वे लोग कौन हैं, जिन्होंने यह किया और चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 पर प्रयोग किया, वह नाम है इंदिरा गांधी।’

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5.पहले जिनको फायदा मिलता था, उनका चिल्लाना स्वाभाविक

पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘हमने सीधे जनधन खाते में लाभार्थियों को पैसे भेजे। हम नया इको सिस्टम लाए। जिन लोगों को पुराने इको सिस्टम के फायदे मिलते थे, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है। पहले परियोजनाएं लटकाने, भटकाने का कल्चर था। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया और इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को गति देने का काम किया। योजनाएं बनाने में महीनों लगते थे, आज सप्ताहभर में योजनाएं आगे बढ़ा दी जाती हैं।

6.जनधन, आधार और मोबाइल…ये हैं त्रि शक्ति

राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने त्रिशक्ति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल… ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये DBT के माध्यम से सीधे हितग्राहियों के खातों में गए हैं। इससे 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक रुपया…जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था, वो बच गया। अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है।

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7. पिछली सरकारों ने नॉर्थ-ईस्ट को किया अनदेखा

प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट का जिक्र करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथां लेते हुए कहा, ‘नॉर्थ ईस्ट के गांवों में बिजली नहीं थी। इनके वोट बैंक नहीं थे इसलिए इनकी सरकार ने यहां बिजली पहुंचाने पर ध्यान नहीं दिया। हमने कहा कि हम मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचेंगे। हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई। खुशी है कि दूरदराज के गांवों को आजादी के इतने सालों बाद आशा की किरण दिखाई दी।’ मोदी ने आगे कहा, ‘पहले की सरकारों में कुछ घंटे बिजली आती थी। पहले गांव में एक खंबा गाड़ देते थे तो हर साल उसकी एनिवर्सिरी मनाते थे। हम आज 22 घंटे बिजली देने में सफल हुए हैं। हमने लोगों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा।

8. कांग्रेस ने की छोटे किसानों की उपेक्षा- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में किसानों का जिक्र करते हुए कहा, ‘किसानों के लिए पहले क्या नीति थी? ऊपर के कुछ वर्ग को संभाल लेना और उन्हीं से अपनी राजनीति चलाना ही लक्ष्य था। छोटे किसान उपेक्षित थे, उनकी आवाज कोई नहीं सुनता था। हमारी सरकार ने छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें बैंकिंग से जोड़ा और आज साल में तीन बार किसान सम्मान निधि उनके खातों में जमा होती है। हमने मिलेट ईयर के लिए यूएन को लिखा। ये छोटे किसान उगाते हैं। जैसे श्रीफल का महत्व होता है, वैसे ही मिलेट को श्री अन्न का दर्जा मिले। इससे छोटे किसानों को मजबूती मिलेगी।

9. विपक्ष ने वैज्ञानिकों को किया बदनाम 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोनाकाल में वैक्सीन को लेकर हुई राजनीति पर भी विपक्ष को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ‘वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों को नीचा दिखाने के लिए कितने प्रयास हुए। आर्टिकल लिखे गए, टीवी में बोला गया। ये हमारे वैज्ञानिकों को बदनाम करने का मौका नहीं छोड़ते। इन्हें देश की चिंता नहीं है, अपनी राजनीति की चिंता है। हमें खुशी है कि आज 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल मेरे देश के हाथ में है। कभी इम्पोर्ट करते थे, गर्व है आज एक्सपोर्ट कर रहे हैं।’

10.’एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है’

प्रधानमंत्री मोदी के तकरीबन डेढ़ घंटे के संबोधन के दौरान विपक्ष लगातार नारेबाजी और हंगामा करता रहा। जिस पर पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि देश की जनता की रोजी रोटी के लिए हमने काम किया। 140 करोड़ लोगों के लिए हमारी सरकार काम कर ही है। देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। अरे नारे बोलने के लिए भी लोग बदलने पड़ रहे हैं। मैं घंटेभर से जवाब दे रहा हूं, रुका नहीं रहा।  देश के लिए जीता हूं, देश के लिए कुछ करने के लिए निकला हूं। इसलिए राजनीतिक खेल खेलने वालों के अंदर अंदर हौसला नहीं है। वे बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं।

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Indian Railways: ट्रेन में यात्रा करने वालों के लिए बड़ी ख़बर, 1 जुलाई से बढ़ जाएगा किराया

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Indian Railways: Big news for those traveling by train, fares will increase from July 1

Indian Railways: ट्रेन यात्रियों के लिए जरूरी खबर सामने आई है। 1 जुलाई 2025 से भारतीय रेलवे कुछ श्रेणियों के किराए को बढ़ाने जा रहा है। अब आपको एसी और एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करने के लिए थोड़ा ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। हालांकि, कुछ कैटेगरी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। वहीं सामान्य द्वितीय श्रेणी (Second Class) में अगर आप 500 किलोमीटर तक यात्रा कर रहे हैं, तो किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। लेकिन, अगर आपका सफर 500 किलोमीटर से ज्यादा का है, तो आपको प्रति किलोमीटर आधा पैसा ज्यादा देना होगा।

रेलवे ने नॉन एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनो के किराए में प्रति किलोमीटर 1 पैसे की वृद्धि की है। वहीं, वातानुकूलित श्रेणी (जैसे AC 2-tier, AC 3-tier) के टिकटों के लिए आपको प्रति किलोमीटर 2 पैसे ज्यादा देने होंगे।  यानी अगर आपकी यात्रा 500 किलोमीटर तक की है, तो नॉन एसी में 5 और एसी में 10 रुपए ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। वहीं 1000 किमी के सफर पर अब नॉन AC में 10 और AC में 20 रुपए ज्यादा लगेंगे।

इन यात्रियों को मिलेगी राहत

शहरी लोकल ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे लाखों दैनिक यात्रियों को राहत मिलेगी। मासिक सीजन टिकट (मंथली पास) की दरों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे पहले रेलवे ने टिकट बुकिंग के नए नियमों में भी बदलाव का फैसला लिया था। अभी तक आपको यात्रा से 4 घंटे पहले ही पता चल पाता था कि आपका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं, लेकिन अब रेलवे एक नए सिस्टम पर काम कर रहा है। इसके तहत कन्फर्म सीटों वाला चार्ट यात्रा से 24 घंटे पहले जारी किया जाएगा। यह नया सिस्टम 6 जून से राजस्थान के बीकानेर डिविजन में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कुछ हफ्ते तक इसे आजमाया जाएगा।

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Delhi-NCR: 1 जुलाई से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन, NCR में जल्द लागू होगा

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Delhi-NCR: From July 1, 10 year old diesel and 15 year old petrol vehicles will not get fuel, will be implemented soon in NCR

Delhi-NCR: दिल्ली-NCR में रहने वाले और यहां रोजाना आने-जाने वाले वाहन मालिकों और चालकों के लिए बड़ी खबर है। दिल्ली में 1 जुलाई से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को फ्यूल नहीं मिलेगा। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने घोषणा की है कि 1 जुलाई से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरों के माध्यम से पहचाने गए सभी एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों को ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानी 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली में पेट्रोल/डीजल नहीं मिलेगा।

1 नवंबर से NCR में लागू होगा यह नियम

सीएक्यूएम के अनुसार, यह प्रतिबंध 1 नवंबर से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत तक फैल जाएगा और 1 अप्रैल, 2026 से एनसीआर के बाकी हिस्सों को कवर करेगा। पुराने वाहनों को ईंधन नहीं देने के लिए दिल्ली भर में 500 पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाए गए हैं, जिससे वाहनों के डेटा की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। अब तक, सिस्टम ने 3.63 करोड़ से अधिक वाहनों की जांच की है, जिनमें से 4.90 लाख को जीवन समाप्ति के रूप में चिह्नित किया गया है।

प्रदूषण कम करने की कवायद

दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पुराने बीएस मानक वाले वाहनों को हटाना बहुत जरूरी है। ये वाहन वायु प्रदूषण में बड़ी भूमिका निभाते हैं। एएनपीआर प्रणाली स्वचालित रूप से लाइसेंस प्लेट नंबरों को कैप्चर करती है, क्योंकि वाहन ईंधन स्टेशन में प्रवेश करते हैं। फिर यह डेटा को वाहन डेटाबेस के साथ क्रॉस-रेफ़रेंस करता है, जो पंजीकरण विवरण, ईंधन प्रकार और वाहन की आयु जैसी जानकारी संग्रहीत करता है। यदि कोई वाहन कानूनी आयु सीमा से अधिक पाया जाता है, तो उसे ईओएल के रूप में फ़्लैग किया जाता है। फ़्लैग किए जाने के बाद, ईंधन स्टेशन को ईंधन भरने से इनकार करने के लिए अलर्ट प्राप्त होता है। उल्लंघन को रिकॉर्ड किया जाता है और प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाता है, जो वाहन को ज़ब्त करने या स्क्रैप करने जैसी आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।

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Israel Iran War: ईरान ने भारत के लिए खोला एयर स्पेस, 1000 भारतीय छात्रों की होगी वतन वापसी

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Israel Iran War: Iran opens airspace for India, 1000 Indian students will return home

Operation Sindhu: ईरान-इजरायल के बीच जारी जंग के बीच भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु तेज कर दिया है। इसके लिए ईरान ने अपने एयर स्पेस को खास तौर पर भारतीय उड़ानों के लिए खोल दिया है। ईरान के इस कदम को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। दरअसल ईरान में इजराइल के मिसाइल और ड्रोन हमलों के चलते ज्यादातर ईरानी एयर स्पेस अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, इसके बावजूद भारत को अपने छात्रों को निकालने के लिए एक विशेष गलियारा दिया गया है।

ईरान के विभिन्न शहरों में फंसे कम से कम 1,000 भारतीय छात्रों के ऑपरेशन सिंधु के तहत  अगले दो दिनों में स्वदेश पहुंचने की उम्मीद है। पहली उड़ान आज रात शुक्रवार (20 जून, 2025) को 11:00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। दूसरी और तीसरी फ्लाइट शनिवार को एक सुबह और दूसरी शाम को आने की उम्मीद है।

बता दें कि ईरान में 4,000 से ज्यादा भारतीय रह रहे हैं। इनमें से आधे भारतीय छात्र हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय की आधिकारिक ब्रीफिंग के अनुसार इस हफ़्ते की शुरुआत में उत्तरी ईरान से 110 भारतीय छात्रों को निकाला गया और सड़क मार्ग से आर्मेनिया के येरेवन पहुंचाया गया।जहां से 18 जून को एक विशेष उड़ान में सवार होकर भारतीय छात्र 19 जून की सुबह नई दिल्ली पहुंचे।

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Fastag Pass: प्राइवेट कार मालिकों को बड़ा तोहफा, 3000 रुपए में मिलेगा एक साल के लिए फास्टैग

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Fastag Pass: Big gift to private car owners, you will get Fastag for one year for Rs 3000

Fastag Annual Pass:देश में अपनी निजी कार से सफर करने के शौकीनों के लिए खुशख़बरी है। अब आपको टोल टैक्स के रूप में हजारों रुपए नहीं चुकाने होंगे। प्राइवेट कार ऑनर्स को सड़क परिवहन मंत्रालय ने बड़ी राहत दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनुअल फास्टैग (FASTag) पास से जुड़ी नई योजना शुरू की है। यह योजना वार्षिक पास है, जो सिर्फ प्राइवेट गाड़ियों के लिए है। यह पास सेवा 15 अगस्त 2025 से शुरू होगी और इसकी कीमत 3,000 रुपए होगी। इसमें आप साल भर में 200 यात्राएं कर सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि यह पास राजमार्ग यात्रा मोबाइल ऐप (Rajmarg Yatra Mobile App) पर मिलेगा। गडकरी ने एक्स पर लिखा- एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 15 अगस्त 2025 से ₹3,000 की कीमत वाला FASTag आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा है। यह पास सक्रिय होने की तिथि से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा। यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा।

उन्होंने आगे लिखा-वार्षिक पास के सक्रियण/नवीनीकरण के लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप और NHAI / MoRTH की वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होगी। यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाज़ाओं को लेकर लंबे समय से चली आ रहें कन्सर्न्स को अधोरेखित करेगी और एक ही सुलभ लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सहज बनाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वेटिंग टाइम घटाकर, भीड़ कम कर और टोल प्लाज़ाओं पर विवाद को समाप्त कर, वार्षिक पास नीति लाखों निजी वाहन चालकों के लिए तेज़, सुगम और बेहतर यात्रा अनुभव के लिए प्रतिबद्ध है।

निजी कार से ज्यादा यात्रा करने वालों के लिए फायदेमंद

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सरकार की इस योजना का मकसद टोल प्लाजा पर होने वाली परेशानियों को कम करना है। यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, जो टोल प्लाजा के 60 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि आस-पास रहने वाले लोगों को भी टोल देना पड़ता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है। इस नए सिस्टम से टोल का भुगतान करना आसान हो जाएगा। यूजर्स एक बार में पूरे साल के लिए भुगतान कर सकेंगे। इसका मतलब है कि लोगों को बार-बार टोल देने की जरूरत नहीं होगी। यह पहल सड़क सेवाओं को डिजिटल बनाने और आधुनिक बनाने की कोशिश का हिस्सा है। सरकार चाहती है कि लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेहतर सुविधाएं मिलें। यह पास उसी दिशा में एक कदम है।

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Pune bridge Collapse: पुणे में इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढहा, 2 की मौत, 25-30 के बहने की आशंका

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Pune bridge Collapse: Bridge built on Indrayani river in Pune collapsed, 2 dead, 25-30 feared swept away

Pune bridge Collapse: महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तहसील के कुंडमाला गांव के पास में रविवार (15 जून) को दोपहर 3:30 बजे इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढह गया। जिस समय ब्रिज गिरा, तब मौके पर कई लोग उसी पुल पर मौजूद थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि करीब 25 से 30 लोग नदी में बह गए हैं. घटनास्थल से दो शव निकाले गए हैं। पुल का हिस्सा जहां गिरा, वहां पत्थर भी मौजूद थे। जो लोग पत्थर पर गिरे हैं, उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। वहीं, कई लोग नदी की धारा में बह गए हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुणे जोन 2 के DCP ने 2 लोगों की मौत की पुष्टि की है। NDRF की टीमों ने 6 लोगों का रेस्क्यू किया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा उस वक्त हुआ, जब कई लोग नदी के तेज बहाव को देखने के लिए खड़े थे। शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह पुल पहले से ही जर्जर स्थिति में था। हादसे के समय पुल पर क्षमता से अधिक पर्यटक मौजूद थे। वहीं कुछ लोग टू-व्हीलर भी ले जा रहे थे। इसी वजह से पुल भार सहन नहीं कर सका।

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