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ज्ञानवापी मस्जिद मामला: कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर बदलने की याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित, सर्वे के काम पर रोक लगाने से इंकार
Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी के काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों के सर्वे को लेकर हंगामा मचा हुआ है। एडवोकेट कमिश्नर को हटाने की मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर शनिवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला 9 मई सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। वहीं कोर्ट ने सर्वे के काम को जारी रखने के लिए कहा है। बता दें कि वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को शाम 4 बजे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम शुरू किया गया था। सर्वे के बाद दोनों पक्ष बाहर निकले तो एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना था कि उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वहीं, प्रतिवादी पक्ष का कहना था कि मस्जिद की दीवारों को अंगुली से कुरेदने की कोशिश की गई।
ज्ञानवापी मस्जिद पर विवाद की वजह
हिंदू पक्षकारों का दावा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। इसमें दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि असली शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में छिपा है। जबकि अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद के सदस्य किसी प्राचीन कुएं और उसमें शिवलिंग के छिपे होने की धारणा को भी नकारते हैं। बता दें कि राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त तौर से सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए।
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UP News: मुख्तार अंसारी की तबियत एक बार फिर बिगड़ी, दिल का दौरा पड़ने की आशंका
Banda: उत्तरप्रदेश की बांदा मंडल कारागार में कैद माफिया मुख्तार अंसारी की तबियत गुरुवार रात एक बार फिर बिगड़ गई है। उसे एक बार फिर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है। ऐसी आशंका है कि उसे हार्ट अटैक आया है। मुख्तार की तबियत पिछले तीन दिनों से ही खराब चल रही थी। उसके सारे चेकअप भी हुए, जिसमें उसकी लगभग सभी रिपोट्स नॉर्मल आई थीं।
बता दें कि दो दिन पहले 26 मार्च को मुख्तार ने जेल प्रशासन से पेट में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद उसे तत्काल ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने ओवर ईटिंग व कब्ज बताकर इलाज किया और 14 घंटे बाद उसी दिन देर शाम उसे वापस मंडलीय कारागार भेज दिया था। इधर, गुरुवार शाम साढ़े सात बजे के आसपास अचानक मुख्तार की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने आनन-फानन उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। मुख्तार को हार्ट अटैक पड़ने की आशंका है।
मुख्तार का परिवार भी बांदा के लिए लखनऊ से चल चुका है। इधर हालात बिगड़ने न पाए, इसके लिए जिले भर की पुलिस फोर्स को अलर्ट कर दिया गया है। जेल के भीतर भी पुलिस फोर्स तैनात है। देर रात तक डीएम और एसपी भी मेडिकल कॉलेज में मौजूद रहे और मुख्तार की पल-पल की खबर लेते रहे।
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Varun Gandhi: वरुण गांधी को लेकर सस्पेंस हुआ खत्म, पीलीभीत लोकसभा सीट से नहीं लड़ेंगे चुनाव
Varun Gandhi: पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा सांसद वरुण गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगे। नामांकन दाखिल करने का समय समाप्त होने के साथ ही मेनका-वरुण का पीलीभीत सीट से नाता टूट गया। पिछले 35 वर्षों से कभी मेनका, तो कभी वरुण पीलीभीत जिले से बतौर जनप्रतिनिधि जुड़े रहे। वरुण के बगावती तेवरों के चलते इस बार लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले से ही वरुण गांधी का टिकट कटने की चर्चाएं होनी लगी थीं। ऐसी अटकलें थीं कि वरुण पीलीभीत से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने फॉर्म भी खरीद लिया था। लेकिन नामांकन का अंतिम समय निकल जाने के साथ ही सारी अटकलों पर विराम लग गया।
पीलीभीत से है मेनका-वरुण का तीन दशक से भी ज्यादा का नाता
मेनका गांधी और वरुण गांधी का पीलीभीत से रिश्ता 35 साल पुराना है। वर्ष 1989 में जनता दल से मेनका गांधी ने राजनीति की शुरुआत की थी और तराई के लोगों ने उन्हें तोहफे में जीत दी। हालांकि दो साल बाद मेनका 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के परशुराम गंगवार से हार गईं थीं। इसका बदला उन्होंने वर्ष 1996 में जनता दल के टिकट पर लड़कर ले लिया था। 1998 व 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की। वर्ष 2004 में भाजपा ज्वॉइन करने के बाद मेनका ने फिर जीत हासिल की।
वर्ष 2009 में मेनका ने पीलीभीत लोकसभा सीट वरुण के हवाले कर दी और खुद सुल्तानपुर चली गईं। वरुण को रिकॉर्ड मतों से जीत मिली।वर्ष 2014 में मेनका फिर पीलीभीत से लड़कर जीतीं और वरुण सुल्तानपुर से जीते। वर्ष 2019 में एक बार फिर वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद चुने गए। देखा जाए तो पीलीभीत लोकसभा सीट पर 1996 से अब तक मेनका-वरुण का दबदबा कायम है।
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UP Madrasa: यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट 2004 असंवैधानिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
UP Madrasa News: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने इस एक्ट को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ माना है। कोर्ट ने मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को बुनियादी शिक्षा व्यवस्था में समायोजित करने के लिए यूपी सरकार को निर्देश दिया है। बता दें कि मदरसों की जांच के लिए यूपी सरकार ने अक्टूबर 2023 में एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी मदरसों को हो रही विदेशी फंडिंग की जांच कर रही है। उत्तर प्रदेश में अभी करीब 24 हजार मदरसे चल रहे हैं। इसमें करीब 16,500 मदरसे यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के द्वारा रजिस्टर्ड हैं।
अंशुमान सिंह राठौड़ ने लगाई थी याचिका
यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को अंशुमान सिंह राठौड़ व अन्य ने याचिका दाखिल कर एक्ट को चुनौती दी थी। याचिका के जरिए उन्होंने इसे असंवैधानिक करार बताया था। साथ ही कहा था कि यह एक्ट धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। हालांकि, मदरसा बोर्ड की रजिस्ट्रार प्रियंका अवस्थी ने कहा है कि अभी विस्तृत आदेश का इंतजार है। विस्तृत आदेश के बाद ही यह फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या करना है।
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Budaun Case: बच्चों से नफरत करता था मुख्य आरोपी साजिद, पूछताछ में जावेद का खुलासा
Budaun: बदायूं में बाबा कालोनी निवासी विनोद ठाकुर के दो बेटों की हत्या के मामले का खुलासा हो गया। हत्याकांड के मुख्य आरोपी साजिद के भाई जावेद ने पुलिस की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। गुरुवार शाम 6 बजे SSP आलोक प्रियदर्शी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने कहा, पूछताछ में जावेद ने बताया है कि, उसका बड़ा भाई साजिद बच्चा ना होने के कारण मानसिक रूप से परेशान रहता था। साजिद की पत्नी के गर्भ में ही बच्चे मर जाते थे। इससे वह बच्चों से नफरत करता था। कई बार वह बच्चों को देखकर आक्रोशित हो जाता था। पूछताछ में यह भी पता चला है कि साजिद ने घटना वाले दिन ही चाकू खरीदा था।
#WATCH बदायूँ डबल मर्डर केस पर एसएसपी बदायूँ आलोक प्रियदर्शी ने कहा, " जांच जारी है और आरोपी ने हमें जो तथ्य बताए हैं, उसकी जांच की जाएगी।.. जावेद (गिरफ्तार आरोपी) के अनुसार, दूसरा आरोपी – साजिद (हत्या करने के लिए) अकेला गया था… हम सभी कोणों से चीजों की जांच कर रहे हैं।…… pic.twitter.com/KGlZPsC06d
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 21, 2024
जावेद ने बताया वारदात के दिन क्या हुआ
दो मासूमों के हत्यारे साजिद का एनकाउंटर वारदात के कुछ घंटों के अंदर पुलिस ने कर दिया था। अब उसके भाई जावेद ने पुलिस को बताया है कि घटना के दिन वह साजिद के साथ बाइक लेकर गया था और संगीता के घर के नीचे खड़ा हो गया। जबकि साजिद मकान के अंदर चला गया। साजिद जब बाहर निकला, तो उसके हाथ खून से सने थे। शोर सुनकर मौके पर भीड़ जुट गई थी। इसके बाद दोनों भाई मौके से बचकर भाग निकले। इसके बाद गरुवार को बरेली पहुंचा और पुलिस के पास जा रहा था कि टेंपो में ही दो लोगों ने रोक लिया और पुलिस को सूचना देकर पकड़वा दिया।
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Ramlala: प्रियंका चोपड़ा ने किए सपरिवार रामलला के दर्शन, मंदिर परिसर में 15 मिनट रहीं
Ramlala: एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा इन दिनों बेटी मालती मैरी और पति निक जोनस के साथ इंडिया में वे आज सहैं। परिवार रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचीं। भारी सुरक्षा के बीच प्रियंका बुधवार को अयोध्या पहुंचीं। वहां उन्होंने पति और बेटी के साथ रामलला के दर्शन किए और माथा टेककर आशीर्वाद लिया। इस दौरान प्रियंका की मां मधु चोपड़ा भी मौजूद रहीं। प्रियंका ने पीले रंग की साड़ी पहनी थी, वहीं निक जोनस कुर्ता पहने नजर आए।
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस ने पति और गायक निक जोनस और बेटी मालती मैरी जोनस के साथ उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में पूजा की।
(सोर्स: मंदिर के पुजारी प्रदीप दास) pic.twitter.com/IJY9OjR66e
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 20, 2024
अयोध्या पहुंचने के बाद प्रियंका और निक ने सीधे मंदिर में जाकर रामलला के दर्शन किए, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। प्रियंका ने बेटी के लिए भी रामलला से आशीर्वाद लिया और रोली का टीका लगवाया। मंदिर में प्रियंका और निक जोनस को भगवा रंग का वस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया। रामलला का दर्शन कर अभिनेत्री सहित पूरा परिवार काफी खुश नजर आया। प्रियंका राम मंदिर में करीब 15 मिनट तक रहीं।
#WATCH | Actor Priyanka Chopra Jonas arrives in Ayodhya, Uttar Pradesh.
Her husband and singer Nick Jonas, and their daughter Maltie Marie Jonas are also with her. pic.twitter.com/cZLOxFnypE
— ANI (@ANI) March 20, 2024