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CG Cabinet: पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन को कैबिनेट की मंजूरी, अब सभी मंत्री होंगे सदस्य

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। कैबिनेट ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है।
पांचों विकास प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप मंे तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
1.राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टीडीएस) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।
2.प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।
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Sushasan tihar: ‘समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक’, सीएम साय ने अछोटी और मुरमुंदा में किया योजनाओं का निरीक्षण एवं लोकार्पण

Sushasan tihar: राज्य सरकार द्वारा सुशासन को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे सुशासन तिहार के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड अंतर्गत ग्राम अछोटी का औचक दौरा किया। मुख्यमंत्री साय का हेलीकॉप्टर अचानक ग्राम अछोटी में उतरा और मुख्यमंत्री ने डायट कॉलेज परिसर में 29 लाख 20 हजार रुपए की लागत से निर्माणाधीन महतारी सदन का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता का मुआयना किया और स्वयं अपने हाथों से भवन के कॉलम की तराई कर कार्य की मजबूती और पारदर्शिता का संदेश दिया। महतारी सदन, ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और सामुदायिक संवाद का केंद्र बनेगा।
सरकार का काम केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उनका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। जब हम गांव-गांव जाकर समाधान शिविर लगाते हैं, तो यह हमारी जवाबदेही का प्रमाण है। यह कार्य वही सरकार कर सकती है, जो ईमानदारी से जनता के लिए काम करती हो। यह बात मुख्यमंत्री साय ने आज दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड की ग्राम पंचायत मुरमंदा में आयोजित समाधान शिविर को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान शिविर केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की जनसामान्य के प्रति उत्तरदायित्व का जीवंत प्रमाण है। हमारी सरकार ने एक वर्ष पूर्ण होने पर जनता के समक्ष रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया था, और अब डेढ़ साल बाद पुनः जनता के बीच अपने कामकाज का रिपोर्ट दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के तहत् दुर्ग 19 वां जिला है जहां वे सुशासन शिविर में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औचक निरीक्षण और सुशासन शिविर में लोगों से फीडबैक पाकर इस बात की खुशी होती है कि हमारी सरकार ने डेढ़ सालों में जो काम किया है उसका लाभ जनता को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मुरमुंदा शिविर में कुल 2630 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2539 मामलों का मौके पर समाधान कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शिविर में प्राप्त सभी आवेदनों का पूर्ण निराकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारी सरकार हर घर तक बिजली और नल से जल पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में 18 लाख गरीब परिवारों के हक छीनने का काम किया। गरीबों से उनका घर और छत छीनने का काम करके पूर्ववर्ती सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का बंटाधार कर दिया था। इसी तरह, नल-जल योजना में भी पिछली सरकार की अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में टंकियां तो बना दी गईं, लेकिन पानी का कोई प्रबंध नहीं था। हमारी सरकार ने इन योजनाओं को सुधारा और धरातल पर लागू किया।
मुख्यमंत्री साय ने ग्राम मुरमुंदा स्थित अटल आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 226 नवीन आवासों का विधिवत लोकार्पण कर हितग्राहियों को उनके सपनों का घर सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने भवन क्रमांक 226 के स्वामी तुषार साहू को गृह प्रवेश कराते हुए कहा, आज हम आपको सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि आपके सपनों का आशियाना सौंप रहे हैं। यह क्षण न केवल आपके जीवन का बल्कि शासन के जनकल्याणकारी प्रयासों का भी स्मरणीय पड़ाव है।
मुख्यमंत्री ने सभी हितग्राहियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की प्राथमिकता है कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को गरिमामय और सुरक्षित आवास उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि अटल आवास जैसी योजनाएं जनसामान्य को न केवल आवासीय सुविधा देती हैं, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी अहम भूमिका निभाती हैं। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा संचालित अटल आवास योजना के तहत ग्राम मुरमुंदा में लगभग 10 एकड़ भूमि पर 24 करोड़ 57 लाख 98 हजार रुपए की लागत से कुल 226 स्वतंत्र आवास और 12 दुकानों का निर्माण किया गया है। इनमें 55 भवन ईडब्ल्यूएस श्रेणी, 69 एलआईजी-ए टाइप, 86 बी टाइप, 16 एमआईजी टाइप के हैं। सभी भवनों का विक्रय पूर्ण हो चुका है तथा 7 भवनों की रजिस्ट्री भी की जा चुकी है।
सुशासन तिहार का उद्देश्य शासन की योजनाओं और सेवाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से पहुंचाना, जनभागीदारी को प्रोत्साहित करना तथा प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में समाधान शिविर, निरीक्षण दौरे, विकास कार्यों की समीक्षा और योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन जैसे विविध कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय का प्रदेश के गांव-गांव में आकस्मिक दौरा समाधान शिविर में उनकी स्वयं की मौजूदगी और जनसमस्याओं का निदान सुशासन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयाम है, जिससे आमजनता में सरकार के प्रति विश्वास और सहभागिता की भावना और अधिक सुदृढ़ हुई है।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने मुंगेली और जीपीएम जिले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए, लापरवाह अधिकारियों पर गिरी गाज

Sushasan tihar: सुशासन तिहार के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए दो बड़े निर्णय लिए। मुख्यमंत्री ने मुंगेली जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता आर.के. मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मनियारी जलाशय और पथरिया जलाशय जैसी महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाएं वर्षों से अधूरी पड़ी हैं, जो लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण हैं।
मुख्यमंत्री साय ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश कुमार शास्त्री को पद से हटाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में जिले का अत्यंत खराब प्रदर्शन जिले में शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामी को दर्शाता है और ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री साय के इस तीखे रुख से स्पष्ट है कि सरकारी कार्यों में शिथिलता और जवाबदेही से बचने का युग समाप्त हो चुका है।
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Sushasan tihar: संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नाराज हुए मुख्यमंत्री, बोले- काम करो या सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो

Sushasan tihar: सरकार के कामकाज पर जनता का सीधा फीडबैक लेने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज सुशासन तिहार के दौरान अचानक ही जीपीएम जिले के चुकतीपानी गांव में हेलीकॉप्टर से पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सीधे ग्रामीणों से संवाद करते हुए पूछ लिया “सरकार कैसा काम कर रही है, सब ठीक है ना। यही जानने आपके घर आया हूं। आप लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है ना, कुछ दिक्कत परेशानी हो तो बताइए। ” हेलीकॉप्टर देखते है बैगा बाहुल्य गांव में लोगों की भीड़ लग गई और अपने बीच में मुख्यमंत्री को देखकर ग्रामीण हैरान रह गए।
बैगा समुदाय के ग्राम प्रमुख ने मुख्यमंत्री को गुलमोहर की माला पहनाकर उनका स्वागत किया और बैगा ग्रामीण रैता बैगा ने तेंदूफल से भरी टोकरी देकर मुख्यमंत्री का गांव में आने के लिए आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वहां उपस्थित ग्रामीणों से शासकीय योजनाओं के बारे में पूछा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर चुकतीपानी गांव के मिडिल स्कूल का मरम्मत करने की घोषणा की और साथ ही स्कूल के मैदान को मिनी स्टेडियम के रूप में उन्नयन करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री के सख्त तेवर से सहम गए अधिकारी
चुकतीपानी गांव में महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर संवाद के दौरान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री साय को पेयजल की समस्या बताई। सीएम साय ने तत्काल पीएचई विभाग के अधिकारियों को बुलाया। उन्होंने सब इंजीनियर से गांव में हैंडपंप की संख्या और जलजीवन मिशन के बारे में ग्रामवासियों से पूछा। सब इंजीनियर का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह सरकारी काम है, कोई मजाक नहीं है। काम करो या सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो। उनका यह रूप देखकर वहां मौजूद सरकारी अमला सहम गया, जबकि ग्रामीणों ने तालियां बजाकर उनका समर्थन किया। सीएम साय ने इस दौरान पानी टंकी से ओवरफ्लो हो रहे पानी को देखकर पानी की बरबादी करने पर भी नाराजगी जाहिर की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गरीब को आवास देने का सरकार अपना सबसे बड़ा वायदा पूरा कर रही है और इसी क्रम में चुकतीपानी में भी 179 पीएम आवास स्वीकृत किए गए हैं। महतारी वंदन योजना के बारे में महिलाओं से पूछने पर उन्होंने बताया कि वो योजना के पैसों से स्व सहायता समूह बनाकर काम कर रही है और घरेलू खाद से सब्जियां उगाकर उसे नजदीक के सभी मंडी में बेचकर आय अर्जित कर रही है। स्थानीय महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट में उगाई गई लाल भाजी को मुख्यमंत्री को भेंट भी किया।
जो सरकार अच्छा काम करती है वह आम जनता के बीच जाने से नहीं कतराती: मुख्यमंत्री साय
सुशासन तिहार के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री साय का उड़न खटोला बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम आमागोहन में भी उतरा। वनांचल के आदिवासी ग्राम में मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीणों में उत्साह और खुशी का माहौल था। वे चिलचिलाती धूप की परवाह किए बगैर अपने राज्य के मुखिया को एक झलक देखने और उन्हें सुनने के लिए घंटों डटे रहे। मुख्यमंत्री साय ने समाधान शिविर में जहां ग्रामीणों से संवाद किया, वहीं मुख्यमंत्री ने समाधान पेटी में डाले गए आवेदनों की निराकरण की स्थिति भी जानी।
सुशासन तिहार की सार्थकता को बताते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज सुशासन तिहार के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सरकार आपके गांव में आई है। हमने बीते डेढ़ वर्षों में राज्य के लोगों के हित में कार्य किया है। जो सरकार अच्छा काम करती है उनकी ही हिम्मत होती है जनता के बीच जाने की। सुशासन तिहार एक तरह से हमारा रिपोर्ट कार्ड भी है और हमारी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों का आंकलन करने का अवसर भी। इसके माध्यम से सरकार योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन की स्थिति भी जान रही है।
मुख्यमंत्री साय ने आमागोहन के समाधान शिविर में की ये घोषणाएं
आमागोहन के समाधान शिविर में आई मांग को ध्यान रखकर मुख्यमंत्री साय ने बेलगहना में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने आमागोहन सहित आसपास के ग्रामों में लो वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए 33 केव्ही का विद्युत सब स्टेशन और विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की। समाधान शिविर में पहुंचे बिलासपुर सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन लाल साहू ने कहा कि सुशासन तिहार के माध्यम से प्रदेश के कोने-कोने में शिविर का आयोजन कर आवेदन लिए गए। मुख्यमंत्री हर छोटे छोटे गाँव में जा रहे हैं। गांव की समस्याओं का निराकरण भी हो रहा है।
समाधान शिविर आमागोहन क्लस्टर में कुल 2265 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 2212 का निराकरण कर दिया गया है। इस क्लस्टर में 11 गाँव आमागोहन, सोनपुरी, तुलुप,नगोई, नवगांव सोनसाय,मोहली, खोंगसरा, डाँड़बछाली, टांटीधार, बिटकुली शामिल है।
सीएम साय ने दसवीं-बारहवीं के मेधावी बच्चों को सम्मानित कर किया प्रोत्साहित, दी शुभकामनाएं
आमागोहन के समाधान शिविर में मुख्यमंत्री ने 10वी-12वी बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने दसवीं में 90 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली महिमा पटेल, स्नेहा सेन, बारहवीं की वर्षा पाण्डेय को सम्मानित कर उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री को छात्र दीपिका और देवी सिंह खुसरो ने हाथ से बनाई मुख्यमंत्री की पोट्रेट भी भेंट की।
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Tiranga Yatra: जशपुर के चराईडांड में निकाली गई तिरंगा यात्रा, CM साय के साथ जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक हुए यात्रा में शामिल

Jashpur: “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता पर आज जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के चराईडांड में देशभक्ति से ओत-प्रोत तिरंगा यात्रा निकली गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गांव के शिव मंदिर से आम बगीचा तक निकली गई इस भव्य यात्रा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री के साथ हाथों में तिरंगा लिए जशपुर विधायक रायमुनि भगत , नगर पालिका अध्यक्ष अरविन्द भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, भरत सिंह, विक्रमादित्य सिंह जूदेव, सुनील गुप्ता, कृष्णा राय, सरगुजा कमिश्नर नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, जनप्रतिनिधि, पंचायत एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधि, अधिकारी, आम नागरिक, बच्चे एवं जवान तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। लोग हाथ में तिरंगा लेकर उत्साहपूर्वक यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के दौरान ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘जय हिंद’ के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि “यह यात्रा न केवल तिरंगे के प्रति सम्मान है, बल्कि यह हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी है। यह अभियान देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को सशक्त बनाने का प्रतीक है।” ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पूरे जिले में एक साथ तिरंगा यात्रा आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति की भावना का संचार करना, जनसहभागिता के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ी संख्या में उपस्थित युवाओं, मातृशक्ति एवं नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि कम समय में इतनी बड़ी भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि देश की जनता एकजुट होकर राष्ट्र के लिए खड़ी है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। यह अभियान उन शहीद जवानों को समर्पित है जिन्होंने अपनी शहादत से राष्ट्र का मान बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिदूंर की सराहना हर देशवासी कर रहा है। भारतीय सेना द्वारा देश की रक्षा हेतु अदम्य साहस का परिचय देते हुऐ देश की सीमाओं की रक्षा अत्यन्त वीरता के साथ की जा रही है। भारतीय सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने और देश की एकता अखंडता के लिए जिले के सभी नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों में तिरंगा यात्रा निकाली गई। यात्रा में जनप्रतिनिधि, पंचायत एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधि, अधिकारी, आम नागरिक, बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए और देश के प्रति अपनी एकजुटता एवं सम्मान प्रकट किया।
शहीदों के परिजनों को शाल और श्रीफल भेंटकर किया सम्मानित
मुख्यमंत्री साय ने चराईडाड़ गांव में शिव मंदिर के प्रांगण में शहीदों के परिजनों को शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने आपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना के प्रति सम्मान और राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए एकजुटता प्रकट करने के उद्देश्य से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बगीचा विकासखंड के शहीद जवान एल. के. तिर्की की पत्नी रोजालिया तिर्की, शहीद जवान एमानुएल केरकेट्टा की पत्नी निर्मला केरकेट्टा, शहीद जवान अलेक्जेंडर लकडा की पत्नी अल्मा लकड़ा, शहीद जवान प्रभु प्रकाश की पत्नी ईमालिया एक्का, शहीद जवान सुनीत लकड़ा के परिजन ऐलिन लकड़ा, शहीद जवान एच. सी. इलिसियुस लकड़ा के परिजन कान्ति लकड़ा और जशपुर विकास खंड के भूतपूर्व सैनिक नायक राजू राम, कांसाबेल विकास खंड के भूतपूर्व सैनिक स्वर्गीय रजनीश बड़ा के परिजन मनोभा केरकेट्टा, कुनकुरी विकास खंड के भूतपूर्व सैनिक स्वर्गीय फबीयानोस लकड़ा की पत्नी सुशन लकड़ा और शहीद जवान सिमोन केरकेट्टा की बहु श्रीमती माटिल्डा केरकेट्टा को सम्मानित किया।
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Chhattisgarh: प्रदेशभर में 17 मई को नागरिक बैनर तले निकलेगी तिरंगा यात्रा, सीएम-़डिप्टी सीएम और अन्य जनप्रतिनिधि करेंगे अगुवाई

Raipur: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक अभियान के अंतर्गत 17 मई को प्रदेश भर के प्रत्येक गांव, नगर और पंचायत में भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा देश की सुरक्षा में नागरिक सहभागिता के संकल्प के साथ आयोजित की जा रही है, जिसमें जनप्रतिनिधियों से लेकर आम नागरिकों तक की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री तथा मंत्रीगण स्वयं इस प्रदेशव्यापी यात्रा में सम्मिलित होंगे। सांसद, विधायक, जिला एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष, सदस्यगण तथा पंचायत प्रतिनिधि और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी इस आयोजन में आमंत्रित किया गया है।
यात्रा की अगुवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक शीर्षक वाले बैनर से की जाएगी और इसके साथ ऑपरेशन सिंदूर का अधिकृत लोगो प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। यात्रा का प्रमुख आकर्षण “हम सेना के साथ हैं” और “ऑपरेशन सिंदूर के साथ राष्ट्र” जैसे बड़े बैनर होंगे, जो नागरिकों के मन में राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करेंगे। इस अवसर पर देश की सशस्त्र सेनाओं, अर्धसैनिक बलों के योगदान को सराहते हुए भारत की जीत, सशस्त्र बलों तथा सैनिकों और उनके परिवारों को धन्यवाद के संदेश वाली तख्तियों लोगों के हाथों में होंगे।
यात्रा में पूर्व सैनिकों, सैनिकों के परिजनों, विद्यालयों के छात्रों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों को शामिल करने का विशेष अनुरोध किया गया है। जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि यात्रा शांतिपूर्ण, अनुशासित, संगठित एवं उत्साहपूर्ण हो। यात्रा के मार्ग में उद्घोषणा वाहनों के माध्यम से देशभक्ति गीतों का प्रसारण किया जाएगा और नागरिकों द्वारा देशभक्ति के नारे लगाए जाएंगे। विशेष आकर्षण के रूप में लंबे तिरंगे भी यात्रा का हिस्सा होंगे, जिनकी उपयुक्त संख्या में व्यवस्था रहेगी। तिरंगा यात्रा में शामिल सभी लोगों के हाथ में राष्ट्रीय ध्वज रहे, इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की यह तिरंगा यात्रा न केवल राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूती देगी, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा में नागरिकों की सहभागिता का प्रभावशाली उदाहरण भी बनेगी। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह संदेश गांव-गांव तक पहुँचेगा कि राष्ट्र की सुरक्षा सबकी साझी जिम्मेदारी है। यह आयोजन प्रदेशवासियों के उत्साह, सेनाओं के प्रति सम्मान और राष्ट्रीय एकता की भावना को सशक्त करने वाला एक अनुकरणीय प्रयास है। छत्तीसगढ़ 17 मई को एकजुट होकर देश की सुरक्षा और एकता का मिसाल प्रस्तुत करेगा।
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ख़बर छत्तीसगढ़19 hours ago
Sushasan tihar: ‘समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक’, सीएम साय ने अछोटी और मुरमुंदा में किया योजनाओं का निरीक्षण एवं लोकार्पण