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Waqf Bill: राज्यसभा में भी वक्फ बोर्ड संशोधन बिल आसानी से होगा पास, इस वजह से राह हुई आसान
New Delhi: केंद्र की एनडीए सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद इस बिल को संसद की जेपीसी के पास भेज दिया गया। जेपीसी के पास से बिल लौटने के बाद उसे राज्यसभा में भी बहुमत से पास कराना होगा। राज्यसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को पास कराना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन अब एनडीए के पास राज्यसभा में भी बहुमत हो गया है। दरअसल छह नामांकित सदस्यों के समर्थन के बाद राज्यसभा में अब एनडीए के पास बहुमत के लिए पर्याप्त नंबर हैं।
राज्यसभा का गणित एनडीए के पक्ष में
हाल में संपन्न हुए राज्यसभा उपचुनाव के बाद संसद के ऊपरी सदन में कुल सदस्यों की संख्या 234 हो गई है, जबकि 11 सीटें रिक्त हैं। भाजपा के राज्यसभा में अपने 96 सदस्य हैं, जबकि एनडीए के सदस्यों की संख्या 113 है। इसमें छह नामांकित सदस्यों को जोड़ दें, तो एनडीए का कुल संख्याबल 119 हो जाता है। जो बहुमत के मौजूदा आंकड़े 117 से दो अधिक है। जबकि राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन के कुल सदस्यों की संख्या 85 है।
राज्यसभा में 11 सीटें हैं रिक्त
संसद के उच्च सदन में जम्मू-कश्मीर से चार सीट खाली हैं, क्योंकि केंद्र-शासित प्रदेश में अभी तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। इसके अलावा राज्यसभा में आंध्र प्रदेश की चार, चार नामांकित सदस्य और ओडिशा की एक सीट शामिल है। वाईएसआर कांग्रेस के दो सदस्यों और बीजद के एक सदस्य ने हाल में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। बीजद सदस्य सुजीत कुमार इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गए, जिसके इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी की जीत की पूरी संभावना है।
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Modi Cabinet: नए साल के पहले दिन किसानों को केंद्र सरकार का तोहफा, डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाने का ऐलान
Modi Cabinet: नए साल के पहले दिन हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डीएपी उर्वरक के लिए 3,850 करोड़ रुपए तक के एकमुश्त विशेष पैकेज को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है।
मंत्रिमंडल ने किसानों को किफायती मूल्य पर डीएपी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 01.01.2025 से 31.12.2025 तक की अवधि के लिए एनबीएस सब्सिडी से परे डाय-अमोनियम फॉस्फेट पर एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। इसके तहत किसानों को डीएपी का 50 किलोग्राम का बैग 1,350 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा।
कैबिनेट ने पीएम फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। 2021-22 से 2025-26 तक योजना पर 69,515.71 करोड़ का कुल व्यय होगा।
कैबिनेट ने नवाचार और प्रौद्योगिकी के लिए फंड के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। 824.77 करोड़ प्रोफाइल फंड का उपयोग योजना के तहत तकनीकी पहलों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। यह पैसा YES-TECH, WINDS, आदि के साथ-साथ रिसर्च और डेवलपमेंट पर भी खर्च होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और दावा गणना और निपटान आसान होगा।
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ISRO: इसरो ने लॉन्च किया स्पैडेक्स मिशन, सफलता पर निर्भर रहेगी चांद से सैंपल लाने वाले मिशन की कामयाबी
ISRO Spadex Mission:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा से सोमवार की रात 10:00 बजे एक पीएसएलवी रॉकेट के जरिए अपने Spadex मिशन (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) को लॉन्च किया। मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से लॉन्च किया गया। इसके लिए इसरो के पीएसएलवी-सी60 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है। इस मिशन की सफलता के बाद भारत दुनिया के चुनिंदा देशों अमेरिका, रूस और चीन के विशेष क्लब में शामिल हो जाएगा। इन देशों के पास ही अभी बाहरी अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यान या उपग्रहों को डॉक (जोड़ने) और अनडॉक (अलग) की क्षमता है।
माना जा रहा है कि इसरो के इस मिशन की सफलता ही भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के बनने और चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) मिशन की सफलता को तय करेगा। यही वजह है कि इस लॉन्चिंग को बेहद अहम माना जा रहा है। इसरो के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान को डॉक (एक यान से दूसरे यान के जुड़ने) करने और अनडॉक (अंतरिक्ष में जुड़े दो यानों के अलग होने) करने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी का विकास और प्रदर्शन करना है।
इसरो के इस प्रयोग से फ्यूचर में उसे ऑर्बिट छोड़ अलग दिशा में जा रहे सैटेलाइट को वापस कक्षा में लाने की तकनीक मिल जाएगी। साथ ही ऑर्बिट में सर्विसिंग और रीफ्यूलिंग का ऑप्शन भी खुल जाएगा। Spadex मिशन में दो अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़कर दिखाया जाएगा।
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Manmohan Singh: पंचतत्व में विलीन हुए मनमोहन सिंह, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
Delhi: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान से दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। इससे पहले कांग्रेस कार्यालय से निगम बोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार से पहले करीब एक घंटे तक कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया। यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता ने भी उनके अंतिम दर्शन किए। बता दें कि गुरुवार (26 दिसंबर) रात मनमोहन सिंह का दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हुआ था। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था।
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Manmohan Singh: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निगम बोध घाट पर कल होगा अंतिम संस्कार, पीएम मोदी समेत कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
Manmohan Singh: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का शनिवार यानी कल सुबह निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार होगा। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी पूर्व पीएम सिंह के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर कल 28 दिसंबर को कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। उनका अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उम्र संबंधी दिक्कतों की वजह से गुरुवार रात 8:06 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था। रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मनमोहन सिंह प्रखर अर्थशास्त्री थे। 1991 में देश में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण के वे शिल्पकार रहे। 2004 से 2014 तक वे प्रधानमंत्री रहे। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व पीएम सिंह के निधन पर देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
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Delhi: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस
New Delhi: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में रात 9.51 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार शाम करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह बीते 26 सितंबर को 92 साल के हुए थे और इस मौके पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने बधाई दी थी। बता दें कि, 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को डॉ. मनमोहन सिंह को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 2014 तक इस पद पर रहे।
देश में बड़े आर्थिक सुधारों में अहम रोल
डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में हुए आर्थिक सुधारों में अहम रोल निभाया था। वह साल 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री भी रहे। उन्होंने बजट के दौरान उदारीकरण, निजीकरण और वैश्विकरण से जुड़े कई ऐलान किए थे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली। मनमोहन सिंह को साल 1987 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड ऑफ द इंडियन साइंस कांग्रेस, 1993 में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड, 1956 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का एडम स्मिथ पुरस्कार जैसे कई सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों की ओर से मानद उपाधियां दी गईं।
अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था जन्म
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव गाह में हुआ। एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले डॉ. सिंह ने अपने जीवन में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं। शिक्षा, अर्थशास्त्र और राजनीति के क्षेत्र में उन्होंने बुलंदियों को छुआ। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) से 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल की उपाधि अर्जित की।