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चांद के आलिंगन की उम्मीद अभी बाकी है, लैंडर विक्रम का पता चला, संपर्क की कोशिश जारी-इसरो चीफ
बेंगलुरु:भारतीय वैज्ञानिकों के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का संपर्क भले ही इसरो से टूट गया हो, लेकिन वैज्ञानिकों ने अभी भी हिम्मत नहीं हारी है। इसरो ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का पता लगाने में सफलता हासिल की है। इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने रविवार को बताया कि चंद्रमा पर विक्रम लैंडर का पता लग चुका है। ऑर्बिटर ने लैंडर की कुछ तस्वीरें ली हैं। विक्रम से संपर्क की कोशिशें जारी हैं। इससे पहले डीडी न्यूज को शनिवार को दिए इंटरव्यू में इसरो चीफ ने बताया कि मिशन 95 फीसदी सफल रहा है। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर करीब 7.5 साल तक काम कर सकता है। इसरो चीफ ने यह भी जानकारी दी है कि हम अगले 14 दिनों तक विक्रम से संपर्क साधने की पूरी कोशिश करेंगे। आपको बता दें कि भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब चंद्रमा के सतह से महज 2 किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया।
भारत के मिशन चंद्रयान-2 का दुनिया ने माना लोहा
इसरो का मिशन चंद्रयान-2 भले ही अपने लक्ष्य की प्राप्ति में बेहद करीब पहुंचकर चूक गया हो, लेकिन दुनियाभर में भारत के मिशन की तारीफ हो रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और जापान समेत दुनिया के अधिकांश देशों के मीडिया ने इसरो की दिल खोलकर प्रशंसा की है। सभी ने इसे अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धि माना है। खासतौर पर जिस तरह मात्र 900 करोड़ के कम बजट में मिशन चंद्रयान-2 को वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया, उससे दुनिया हैरान है। बीबीसी ने लिखा है कि मिशन ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी क्योंकि यह ‘बहुत सस्ता’ था। उसने हॉलीवुड फिल्म ‘एवेंजर: एंडगेम’ के बजट ( 35.6 करोड़ डॉलर) से चंद्रयान-2 के बजट (14.1 करोड़ डॉलर) की तुलना करते हुए इसरो की तारीफ की है।
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LPG Price: सस्ता हुआ एलपीजी गैस सिलेंडर, जानें कितने कम हुए दाम

LPG Price Cut: तेल एवं गैस कंपनियों ने महंगाई से राहत देते हुए कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 17 रुपए तक की कटौती कर दी है। एलपीजी सिलेंडर के नए दाम आज (1 मई, 2025) से लागू हो गए हैं। बताते चलें कि कंपनियों ने 19 किलो वाले कमर्शियल एलीपीजी सिलेंडर की कीमतों में ये कटौती की है। घरों में इस्तेमाल होने वाले 14.2 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में कंपनियों के इस फैसले से आम आदमी को सीधे तौर पर कोई राहत नहीं मिली हैै। हालांकि कमर्शियल एलीपीजी सिलेंडर की कीमतों में हुई इस कटौती से रेस्टॉरेंट, होटल मालिकों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
इस साल 4 बार कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में हुई है कटौती
दिल्ली में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इस साल 5 में से 4 बार कटौती हुई है, जबकि एक बार इसके दाम बढ़ाए गए थे। 1 जनवरी को 19 किलो वाले कमर्शियल एलीपीजी सिलेंडर की कीमतों में 14.5 रुपये की कटौती, 1 फरवरी को 7 रुपये की कटौती, 1 मार्च को 6 रुपये की बढ़ोतरी, 1 अप्रैल को 41 रुपये की कटौती की गई थी। जिसके बाद आज 1 मई को इसमें 14.50 रुपये की कटौती हुई है। कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में की गई इस कटौती के बाद देश के प्रमुख शहरों में आज से सिलेंडर सस्ते हो जाएंगे।
दिल्ली में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की नई कीमत
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में आज के इस ताजा संशोधन के बाद दिल्ली में 19 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1747.50 रुपये, कोलकाता में 1851.50 रुपये, मुंबई में 1699 रुपये और चेन्नई में 1906 रुपये हो गई है। बताते चलें कि कोलकाता में 19 किलो वाला रसोई गैस सिलेंडर सबसे ज्यादा 17 रुपये सस्ता हुआ है। 14.2 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की बात करें तो दिल्ली में नॉन-सब्सिडाइज्ड सिलेंडर की कीमत 853 रुपये, कोलकाता में 879 रुपये, मुंबई में 852.50 रुपये और चेन्नई में 868.50 रुपये है।
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Modi Cabinet: जाति जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, कैबिनेट बैठक में अहम फैसला

Modi Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुपर कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ टॉप मंत्री शामिल हुए। मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि आने वाली जनगणना में जातियों की गणना भी कराई जाएगी। जनगणना इस साल सितंबर से शुरू हो सकती है। इसे पूरा होने में लगभग एक साल का समय लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में आ सकते हैं। हालांकि जनगणना कब से शुरू होगी, इसके बारे में सरकार ने अभी कुछ नहीं कहा है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) ने आज फैसला किया है कि जातिगत गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। यह कदम सामाजिक समावेशिता और नीतिगत योजनाओं को और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।” उन्होंने कहा, “कुछ राज्यों ने जातीय सर्वे अपने स्तर पर किए हैं, लेकिन सामाजिक ताने-बाने को समझने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण जरूरी है।
कांग्रेस को निशाने पर लिया
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया। यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।
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Chardham Yatra: अक्षय तृतीया के दिन खुले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट, चारधाम यात्रा का हुआ श्रीगणेश

Chardham Yatra: अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर आज गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं दर्शन के लिए खोल दिए गए। अब निरंतर छह माह तक श्रद्धालु गंगोत्री धाम में मां गंगा के दर्शन करेंगे। बुधवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट के अभिजीत मुहूर्त पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा की गई। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा के दर्शन किए। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का श्री गणेश हो गया है।
बुधवार को कपाट खुलने के मौके पर मां गंगा के दर्शन के लिए देश के विभिन्न प्रांतो से श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंचे। यहां श्रद्धालु ने मां गंगा की विग्रह मूर्ति के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस मौके पर गंगोत्री मंदिर परिसर को करीब 15 कुंटल फूलों से सजाया गया। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। चप्पे- पर आतंकवाद निरोधक दस्ता, अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवानों की नजर रहेगी।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए 10 कंपनी पैरामिलिट्री, 17 कंपनी पीएसी के साथ ही 10 स्थानों पर आतंकवाद निरोधक दस्ता तैनात रहेगा। 65 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की ओर से 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स उपलब्ध कराई जा रही है जो जल्द ही मिल जाएंगी। वहीं पीएसी की 17 कंपनी और छह हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी चारधाम यात्रा में लगाई गई है। पूरे यात्रा रूट को ड्रोन से कवर किया जाएगा। 2000 सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से यात्रा रूट पर सुरक्षा और यातायात की निगरानी की जाएगी। अलग-अलग क्षेत्रों से कंट्रोल रूम में फीड आ रहा है।
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Pahalgam attack: ‘आतंक पर करारी चोट देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प’, हाईलेवल मीटिंग में बोले पीएम मोदी, सेना को मिली पूरी छूट

Pahalgam attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हाईलेवल मीटिंग की। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर करारी चोट करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास और भरोसा जताया। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, उन्हें (सशस्त्र बलों को) हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता है।
बैठक में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह मौजूद रहे। लगभग 90 मिनट तक चली इस बैठक में पहलगाम हमले के बाद के सुरक्षा हालात, आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों और भविष्य की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस मीटिंग के आधे घंटे बाद गृहमंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी पीएम आवास पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।
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Pegasus Spyware: ‘आतंकियों के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल गलत कैसे’, सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट पब्लिक करने से किया इंकार

Pegasus Spyware: सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में सुनवाई के दौरान रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि अगर सरकार आतंकियों की जासूसी करा रही हैं तो इसमें गलत क्या है? साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे ऐसी किसी भी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेंगे, जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी हो। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति की रिपोर्ट पर सड़कों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि जिन लोगों को अपनी निजता भंग होने का डर है, उनकी शिकायतों पर विचार किया जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले को 30 जुलाई 2025 को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है।
‘आतंकियों के खिलाफ जासूसी स्पाइवेयर के इस्तेमाल में गलत क्या?’
जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच ने कहा, कि ‘देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। अगर जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल आतंकियों के खिलाफ हो रहा है, तो यह गलत नहीं है। लेकिन इसका इस्तेमाल किसके खिलाफ हो रहा है, यह सवाल अहम है।’ कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि निजी व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा संविधान के तहत होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि स्पाइवेयर रखना गलत नहीं है, ये किसके खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है, सवाल इसका है।
क्या है मामला?
पेगासस एक इस्राइली सॉफ्टवेयर है जिसे मोबाइल फोन को हैक कर निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 2021 में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत में कई पत्रकारों, नेताओं, और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन की जासूसी की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए थे। साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए एक तकनीकी समिति और एक निगरानी समिति बनाई थी। तकनीकी समिति में साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक और नेटवर्क विशेषज्ञ – नवीन कुमार चौधरी, प्रभाहरण पी और अश्विन अनिल गुमास्ते शामिल हैं। वहीं इस जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन कर रहे हैं, जिनकी सहायता पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ संदीप ओबेरॉय कर रहे हैं।
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