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मॉल में देर रात लगी भीषण आग, 7 घायल, आग पर काबू पाया गया
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MP News: मध्यप्रदेश में आज से शुरू हुई गेहूं की खरीदी, भोपाल में बनाए गए 60 सेंटर

Bhopal: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने शनिवार को गेहूं खरीदी की सरकारी नीति जारी की। इस दौरान सरकार ने बताया कि समर्थन मूल्य पर 15 मार्च यानी आज से 5 मई तक गेहूं खरीदी की जाएगी। आज से मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभागों से गेहूं की खरीदी शुरू होगी, जबकि बाकी के सभी संभागों से 17 मार्च से गेहूं की खरीदी की शुरुआत की जाएगी। किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग करनी होगी। यह सुविधा www.meuparjan.nic.in पर उपलब्ध होगी। बता दें कि पहले 1 मार्च से खरीदी शुरू होनी थी, लेकिन गेहूं की कटाई नहीं होने की वजह से सरकार ने खऱीदी की तारीख बढ़ाकर 15 मार्च कर दी थी।
किसानों को प्रति क्विंटल मिलेंगे 2600 रुपए
प्रदेश सरकार इस बार गेहूं पर 175 रुपए का अतिरिक्त बोनस दे रही है। जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल है। इस तरह किसानों को एक क्विंटल गेहूं के 2600 रुपए मिलेंगे। खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया, प्रदेश में लगभग 80 लाख टन गेहूं उपार्जन अनुमानित है। इस उपार्जन पर समर्थन मूल्य की राशि 19 हजार 400 करोड़ रुपए और बोनस की राशि 1400 करोड़ रुपए का किसानों को भुगतान किया जाना संभावित है।
भोपाल में 60 सेंटरों पर होगी खरीदी
भोपाल में गेहूं की खरीदी के लिए कुल 60 केंद्र बनाए गए हैं। बैरसिया मंडी समेत प्रमुख गांवों में खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। ताकि, किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। हालांकि, पहले दिन 20 सेंटरों के लिए 269 स्लॉट बुक हुए हैं। ऐसे में इन्हीं सेंटरों पर किसानों के आने का अनुमान है।
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MP News: एमपी में अब तेज गर्मी के लिए हो जाइए तैयार, जल्द कई जिलों में पारा पहुंचेगा 40 डिग्री के पार

Bhopal: मध्यप्रदेश के ज्यादातर हिस्से से अब रात और सुबह की हल्की ठंड भी गायब हो चुकी है। हालात ये हैं कि अब सुबह 10 बजे के आसपास ही तेज धूप लोगों को परेशान करने लगी है। मौसम विभाग के मुताबिक, मार्च के आखिरी 15 दिनों में प्रदेश में अप्रैल जैसी गर्मी पड़ सकती है और ज्यादातर शहरों में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है। हालांकि, इससे पहले ही खजुराहो, नर्मदापुरम, रतलाम, मंडला समेत कई शहरों में पारा 39 डिग्री के पार पहुंच गया। ऐसे में अगले सप्ताह में प्रदेश में लू चलने लगेगी।
मार्च में 4 दिन चल सकती है लू
प्रदेश में मार्च में ही 4 दिन तक लू चलने का भी अलर्ट है। वहीं, अप्रैल-मई में 20 दिन गर्म हवाएं चलेंगी। अनुमान है कि, अबकी बार इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ेगी। 15 मार्च के बाद जब शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंचेगा, तब गर्म हवा का असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, सामान्यत: दिन का तापमान 40 डिग्री से अधिक या सामान्य से 4.6 डिग्री तक हो तो हीट वेव यानी लू की स्थिति मानी जाती है।
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Holi 2025: मुख्यमंत्री निवास में पारम्परिक गीत-संगीत, नृत्य और रंगों के साथ खेली गई होली, मुख्यमंत्री ने गाए होली गीत

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित होली मिलन समारोह में प्रदेशवासियों को होली पर्व की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमारे त्यौहार सबका मंगल लेकर आते हैं, इसीलिए ऐसे पर्वों पर बधाई और मंगलकामनाएं दी जाती हैं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि ये आनंद मनाने का पर्व है। खुश होकर, आनंद लेकर ही मनायें। उन्होंने सभी से आत्मीयता और सौहार्द के साथ सभी त्यौहार मनाने का आह्वान किया।
समारोह में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्ध घुमन्तु कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और सांसद खजुराहो वी.डी.शर्मा, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, सांसद भोपाल आलोक शर्मा, सांसद नर्मदापुरम दर्शन सिंह चौधरी, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवान दास सबनानी, रविन्द्र यति, गणमान्य नागरिक, पत्रकार, अधिकारी और कलाकारों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ होली मनाई। सभी ने बड़े हर्षोल्लास और आत्मीयता के साथ एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की मंगलकामनाएं दीं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति के रूप में सुघड़ कलाकारों ने ब्रज, बरसाने और महाकाल की होली का भव्य एवं मनोरम मंचन किया गया। पारम्परिक गीत-संगीत, नृत्य और रंगों की इस अनुपम छटा ने सभी को अभिभूत कर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि होली भाईचारे, प्रेम और समरसता का प्रतीक है। यह पर्व हमें सामाजिक एकता और सद्भाव बनाए रखने की प्रेरणा देता है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे पर्यावरण का संवेदनशीलतापूर्वक ध्यान रखते हुए होली मनाएं और जल संरक्षण का भी संदेश जन-जन तक पहुंचाएं। उल्लास और उमंग से सराबोर इस होली मिलन समारोह में सभी ने शालीनता के साथ पर्व का आनंद लिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंच पर प्रस्तुती दे रहे कलाकारों और अतिथियों के साथ रंग बरसे भीगे….., होली के दिन दिल खिल-खिल…..,, दमादम मस्त कलंदर, भोले खेलें होली… जैसे होली गीतों का सस्वर गायन कर सभी के उल्लास को दोगुना कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास पधारे सभी आगंतुकों पर पुष्प-वर्षा के साथ गुलाल उड़ाकर मेजबान के रूप में सबका स्वागत किया।
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MP Budget 2025: कर्मचारियों के भत्ते बढ़ेंगे, युवाओं को तीन लाख रोजगार, किसानों को दूध पर बोनस, कोई नए टैक्स का ऐलान नहीं

MP Budget 2025: मध्य प्रदेश में वित्त मंत्रालय संभाल रहे उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को 2025-2026 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सरकार ने नए बजट से प्रदेश के विकास की रफ्तार देने की कोशिश की है। यह बजट अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर बजट के तहत राजकोषीय अनुशासन का भी पूरी तरह ध्यान रखा गया है।बजट में जनता के लिए राहत की बात है कि देवड़ा के बजट भाषण में किसी नए कर का ऐलान नहीं किया है और न ही किसी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है।
‘GYAN’ पर फोकस, 250 लाख करोड़ रुपए की इकोनॉमी का लक्ष्य
वित्त मंत्री देवड़ा ने अपने बजट भाषण में GYAN पर फोकस देने की बात कही। यहां G का मतलब-गरीब कल्याण, Y-युवा शक्ति, A-अन्नदाता और N- नारी शक्ति है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, कि “सरकार का फोकस गरीबों के कल्याण के लिए अंत्योदय की अवधार को सकार करने पर है। उन्होंने बताया कि युवाओं में कौशल का विकास और रोजगारन्मुखी प्रशिक्षण के सरकार प्रतिबद्ध है। देवड़ा ने बजट भाषण में अन्नदाताओं की आय में वृद्धि और नारी शक्ति को सशक्त बनाने की भी बात कही। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ऐलान किया कि हमने GYAN को प्राथमिकता देकर 2047 तक प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद को 250 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
13 साल बाद कर्मचारियों के भत्ते बढ़ाने का ऐलान
सरकार ने बजट में 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा की है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2025 से सभी भत्तों का पुनरीक्षण 7वें वेतनमान के अनुरूप किया जाएगा। वर्तमान में कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते 6वें वेतनमान के अनुरूप साल 2010 में तय किए गए थे। कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में परिवहन भत्ता, सचिवालय भत्ता, विकलांगता भत्ता, गृहभाड़ा भत्ता और आदिवासी क्षेत्र भत्ता शामिल हैं। इसके अलावा यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता, जोखिम भत्ता और पुलिस कर्मियों के लिए आहार भत्ता, सिलाई भत्ता और वर्दी धुलाई भत्ता दिया जाता है।
युवाओं को निजी क्षेत्र में तीन लाख से अधिक रोजगार का दावा
मध्यप्रदेश सरकार 2025-26 का वर्ष ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाएगी। प्रदेश में 14 हजार 500 एकड़ भूमि पर 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है। इन उद्योगों के जरिए निजी क्षेत्र में तीन लाख से अधिक रोजगार के अवसर बनेंगे। सरकार ने स्टार्टअप नीति 2025 लागू की, जिससे 10 हजार स्टार्टअप स्थापित होने की संभावना है।
लाडली बहनों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा
प्रदेश की लाडली बहनों को अटल पेंशन योजना से जोड़ने की घोषणा की गई है। इसके अलावा लाडली बहना योजना के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना और अटल पेंशन योजना से भी जोड़ा गया है। 1.27 करोड़ लाडली बहनों के लिए 18 हजार 669 करोड़ का प्रावधान किया गया है। हालांकि लाड़ली बहना योजना का बजट घटाकर 18,669 करोड़ कर दिया। पिछले बजट में ये 18,984 करोड़ था।
किसानों को दूध पर मिलेगा प्रति लीटर 5 रुपए बोनस
सरकार ने दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर 5 रुपए बोनस देने का ऐलान किया है। गोशालाओं में गायों के आहार के लिए सहायता प्रति गाय 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रतिदिन की है। बजट में फसल बीमा योजना के लिए 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सीएम किसान कल्याण योजना के लिए पांच हजार 220 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, धान पर प्रोत्साहन राशि के रूप में 850 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बजट की बड़ी घोषणाएं
1.बजट में सरकार ने ‘मुख्यमंत्री समृद्ध परिवार योजना’ की घोषणा की है। इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले परिवारों को एक-दो योजनाओं की जगह, उनकी पात्रता अनुसार योजनाओं का पैकेज दिया जाएगा।
2.सड़कों और पुलों के निर्माण एवं संधारण के लिए वर्ष 2025-26 में 16 हजार 436 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2024-25 से 34 प्रतिशत अधिक है। बजट में क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण योजना बनाई है। इस योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना प्रारंभ की जा रही है, इसके लिए इस बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
3. बजट में वित्त मंत्री ने बताया कि अगले पांच सालों में एक लाख किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं पांच सालों में 500 रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इस साल 3500 किलोमीटर नवीन सड़कें और 70 पुल बनाए जाने का लक्ष्य है।
4. उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के लिए दो हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे सिंहस्थ को लेकर हो रही तैयारियों में और तेजी आएगी। ।
5.नगरीय विकास के लिए 18 हजार 715 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है। यह पिछले बजट से करीब दो हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। इससे प्रदेश के शहरों ने स्वच्छता, प्रदूषण नियंत्रण और जनसुविधाओं के क्षेत्र में अनके कार्य किए जाएंगे।
6.वित्त मंत्री ने बजट में 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल खोले जाने की घोषणा की है। इसके अलावा पन्ना, गुना, भिंड, श्योपुर और शुजालपुर में 50 बिस्तरीय आयुर्वेदिक अस्पताल, बड़वानी में 30 बिस्तरीय अस्पताल और बालाघाट, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम एवं मुरैना में आयुष महाविद्यालय बनाए जा रहे हैं।
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MP News: प्रदेश की 4 ऐतिहासिक धरोहर यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल, इन्हें मिली जगह

Bhopal: मध्यप्रदेश की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। यूनेस्को (UNESCO) ने प्रदेश की चार ऐतिहासिक धरोहरों को सीरियल नॉमिनेशन के तहत टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया है। सम्राट अशोक के शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर, गुप्तकालीन मंदिर और बुंदेला शासकों के महल और किलों को यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में घोषित होना प्रमाणित करता है कि मध्यप्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के कारण देश में विशेष स्थान रखता है।
यूनेस्को (UNESCO) ने गत वर्ष भी प्रदेश की 6 धरोहरों, ग्वालियर किला, बुरहानपुर का खुनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित रामनगर के गोंड स्मारक और धमनार का ऐतिहासिक समूह को टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया था। मध्यप्रदेश में अब यूनेस्को द्वारा घोषित 18 धरोहर हैं। जिसमें से 3 स्थाई और 15 टेंटेटिव सूची में है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में प्रदेश के खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं एवं सांची स्तूप यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल स्थायी सूची में शामिल है। वहीं यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में मांडू में स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी भी शामिल है। यह उपलब्धि हमारी धरोहरों के संरक्षण तथा संवर्धन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिये एमपी टूरिज्म बोर्ड, संस्कृति विभाग, पुरातत्वविदों, इतिहास प्रेमियो, संस्थाओं और प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है जिन्होंने ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने में अमूल्य योगदान दिया हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि मध्यप्रदेश को विश्व पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाइयाँ देगी, साथ ही हमारे गौरवशाली अतीत को नई पहचान दिलाएगी।
यूनेस्को ने इस वर्ष इन धरोहरों को टेंटेटिव लिस्ट में किया शामिल
1.मौर्य कालीन अशोक के शिलालेख
मौर्य कालीन अशोक के शिलालेख स्थल भारत के प्राचीनतम लिखित अभिलेख हैं। इन शिला और स्तंभ लेखों में सम्राट अशोक द्वारा बौद्ध धर्म, शासन और नैतिकता से संबंधित संदेश अंकित हैं, जो 2,200 से अधिक वर्षों से संरक्षित हैं। मध्य प्रदेश में सांची स्तंभ अभिलेख, जबलपुर में रूपनाथ लघु शिलालेख, दतिया में गुज्जरा लघु शिलालेख और सीहोर में पानगुरारिया लघु शिलालेख को शामिल किया गया हैं।
2.चौंसठ योगिनी मंदिर
प्रदेश में 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच निर्मित चौंसठ योगिनी मंदिर तांत्रिक परंपराओं का प्रतीक है। इन मंदिरों की गोलाकार, खुले आकाश के नीचे बनी संरचनाएं, जटिल शिल्पकला और आध्यात्मिक महत्व अद्वितीय हैं। इसमें खजुराहो, मितावली (मुरैना), जबलपुर, बदोह (जबलपुर), हिंगलाजगढ़ (मंदसौर), शहडोल और नरेसर (मुरैना) के चौसठ योगिनी मंदिर को शामिल किया गया है।
3.उत्तर भारत के गुप्तकालीन मंदिर
प्रदेश में सांची, उदयगिरि (विदिशा), नचना (पन्ना), तिगवा (कटनी), भूमरा (सतना), सकोर (दमोह), देवरी (सागर) और पवाया (ग्वालियर) में स्थित गुप्तकालीन मंदिर को यूनेस्को द्वारा शामिल किया गया है। गुप्तकालीन मंदिर भारतीय मंदिर वास्तुकला में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाते हैं। मंदिर उत्कृष्ट नक्काशी, शिखर शैली और कलात्मक सौंदर्य को प्रदर्शित करते हैं।
4.बुंदेला काल के किला-महल
बुंदेला काल के गढ़कुंडार किला, राजा महल, जहांगीर महल, दतिया महल और धुबेला महल, राजपूत और मुगल स्थापत्य कला के बेहतरीन संगम को दर्शाते हैं। ये महल बुंदेला शिल्पकला, सैन्य कुशलता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की अद्भुत मिसाल हैं।