ख़बर छत्तीसगढ़
सादगीभरे समारोह में सीएम रमन सिंह ने किया ध्वजारोहण, जनता का जताया आभार
रायपुर: छत्तीसगढ़ में सीएम रमन सिंह ने सादगीभरे समारोह में स्वतंत्रता दिवस की 72 वीं वर्षगांठ पर झंडावंदन कर प्रदेशवासियों का अाभार जताया। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के शुरुआत में छत्तीसगढ़ी में स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा, सुराजी तिहार के पावन बेरा मा मोर जम्मो संगी-जहुंरिया, सियान-जवान, दाई-बहिनी अउ लइका मन ला गाड़ा-गाड़ा बधाई।
15 वीं बार बतौर मुख्यमंत्री किया ध्वजारोहण

मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए कहा,कि ‘मेरा सौभाग्य है कि स्वाधीनता दिवस पर, प्राणों से प्यारे तिरंगे झण्डे की छांव में खड़े होकर, आप लोगों को पन्द्रहवीं बार सम्बोधित कर रहा हूं। महान लोकतंत्र हमें यह अवसर देता है कि प्रत्येक व्यक्ति, प्रदेश और देश के विकास में योगदान दे सके। लगातार तीन पारियों तक आपके सेवक के रूप में मुझे काम करने का अवसर मिला। हर दिन के काम-काज में आप सबका मार्गदर्शन और सहयोग मिला, इसके लिए मैं जीवनभर आप सभी का आभारी रहूंगा।’
2003 में पहली बार मुख्यमंत्री बनते समय के हालात पर पढ़ी ये पक्तियां:-
प्राकृतिक संसाधनों का अपार भण्डार,
जनता बेहद मेहनती और ईमानदार,
सही नीतियों-कुशल नेतृत्व से बेजार,
चारों ओर दुःख-दर्द और हाहाकार,
डरावनी काली रातों को सुबह का इंतजार।
मुख्यमंत्री के भाषण की प्रमुख बातें
- ’15 वर्षों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और बोनस की राशि मिलाकर किसानों के घर लगभग 76 हजार करोड़ रूपए पहुंचाए’
- ‘सिंचाई पम्पों की संख्या 72 हजार से बढ़ाकर लगभग 5 लाख तक पहुंचा दी’
- ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के कारण 5 लाख 63 हजार किसानों को 1 हजार 295 करोड़ रूपए से अधिक का दावा भुगतान मिला है।’
- ‘हमने प्रदेश में जिलों की संख्या 16 से बढ़ाकर 27 की, जिससे आदिवासी अंचलों में 7 नए जिले बने और प्रशासन को जनता के निकट पहुंचाने में मदद मिली’
- ‘बस्तर और सरगुजा आदिवासी बहुल अंचलों को विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज जैसी समस्त संस्थाओं से सम्पन्न किया। प्राधिकरण बनाकर स्थानीय विकास की मांगों को तत्काल पूरा किया’
- ‘दंतेवाड़ा, सरगुजा और राजनांदगांव में भी बीपीओ शुरू हो गए हैं, जो न सिर्फ स्थानीय युवाओं को रोजगार दे रहे हैं, बल्कि उनकी प्रतिभा का सही इस्तेमाल करने में भी मददगार हो रहे हैं’
- ‘प्रदेश में विश्वविद्यालयों की संख्या 4 से बढ़कर 13, मेडिकल कॉलेज 2 से बढ़कर 10, इंजीनियरिंग कॉलेज 14 से बढ़कर 50, कॉलेजों की संख्या 206 से बढ़कर 482, आदिवासी अंचलों में कॉलेजों की संख्या 40 से बढ़कर 71, उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 3.5 से बढ़कर 16 हो गया है’
- ‘हमने 30 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन किया, जिससे प्रसूति से लेकर पोषण, सेहत, शिक्षा, प्रशिक्षण, उपकरण, विवाह, बीमा सुरक्षा, सिलाई मशीन, साइकिल, निःशुल्क टिफिन, गर्म पौष्टिक भोजन, कौशल उन्नयन, ई-रिक्शा खरीदने 50 हजार रूपए का अनुदान सहित 78 योजनाओं का लाभ दिया’
- ‘मातृ मृत्यु दर अब घटकर 173 हो गई है। इसी प्रकार शिशु मृत्यु दर भी 70 से घटकर 39 प्रति हजार हो गई है’
- ‘बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण 48 से बढ़कर 76 प्रतिशत तथा संस्थागत प्रसव की दर 18 से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गई है’
- ‘हम देश के ऐसे पहले राज्य हैं, जिसने सभी परिवारों को स्मार्ट कार्ड से 50 हजार रूपए तक प्रति वर्ष इलाज की सुविधा दी है’
- ‘‘आयुष्मान भारत योजना’ के माध्यम से छत्तीसगढ़ में लगभग 40 लाख गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक इलाज की सौगात दी गई है’
- ‘प्रदेश में सन् 2022 तक 51सौ उप स्वास्थ्य केन्द्रों को ‘वेलनेस सेन्टर’ के रूप में विकसित किया जा रहा है’
- ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत 36 लाख रसोई गैस कनेक्शन देकर हम महिलाओं को बड़ी राहत और स्वस्थ जीवन दे रहे हैं’
- ‘पहले 21 हजार 125 आंगनवाड़ी केन्द्र थे, जो अब बढ़कर 52 हजार 474 केन्द्र हो गए हैं’
- ‘हमने देश में पहली बार खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कानून बनाया, उसे लागू किया और 83 प्रतिशत जनसंख्या को भूख से निजात दिलाया’
- ‘प्रधानमंत्री जी की ‘सौभाग्य योजना’ के तहत 8 लाख 36 हजार घरों को रोशन करने का काम हम कर रहे हैं’
- ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ लागू करके वर्ष 2022 तक सबको आवास देने का लक्ष्य तय कर दिया’
- ‘मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ में 11 लाख से अधिक परिवारों का, ‘अपना घर’ का सपना भी हम पूरा कर रहे हैं’
- ‘‘बस्तर नेट’ के माध्यम से बस्तर संभाग के सातों जिले ‘इंटरनेट कनेक्टिविटी’ से भी जोड़ दिए गए हैं’
- ‘भारत नेट, बस्तर नेट, संचार क्रांति योजना के माध्यम से प्रदेश में कनेक्टिविटी का स्वर्ण युग आ गया है’
- ‘संचार क्रांति योजना’ (स्काय) के क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ में सामाजिक- आर्थिक विकास का सुनहरा अध्याय लिखा जा रहा है’
- ‘वर्तमान में मोबाइल फोन का उपयोग प्रदेश में मात्र 29 प्रतिशत जनता कर रही है और केवल 68 प्रतिशत क्षेत्र में कनेक्टिविटी उपलब्ध है, जिसे बढ़ाते हुए 90 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य यह योजना पूर्ण कर देगी’
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Raipur News: तेलघानी आरओबी और गोगांव आरयूबी का हुआ लोकार्पण, 6 लाख से अधिक को मिलेगा लाभ

Raipur News: रायपुर शहरवासियों की बहुप्रतिक्षित मांग आज पूरी हो गयी है। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने रायपुर रेलवे स्टेशन के पास एक ओवर ब्रिज और एक अंडर ब्रिज का लोकार्पण किया। राजधानी में 35.54 करोड़ रुपए की लागत से बने 526 मीटर लंबे तेलघानी रेलवे ओवरब्रिज ब्रिज तथा उरकुरा- सरोना बायपास रेल लाइन में 15.73 करोड़ रुपए की लागत से तैयार 407 मीटर लंबे और 7.5 मीटर चौड़े गोगांव रेलवे अंडर ब्रिज के लोकार्पण के साथ ही लोगों ने राहत की सांस ली है। इन दोनों बड़े निर्माण कार्यों की सौगात मिलने से रायपुर शहर की जनता को सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी और यहां लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।
तेलघानी आरओबी से लगभग 3 लाख से अधिक आम नागरिकों के साथ-साथ संपूर्ण नगरीय क्षेत्र को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 6 एवं 7 के लिए सुगम यातायात उपलब्ध होगा। इसी तरह से गोगांव आरयूबी के शुरू हो जाने से इस क्षेत्र की लगभग 3 लाख से भी अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने स्थानीय जनता को संबोधित करते हुए कहा कि ये दोनों ही ब्रिज मुख्यमंत्री बघेल की प्राथमिकता वाले कामों में थे और इन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए थे।

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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी का नया रिकॉर्ड, इस मामले में बना देश का पहला राज्य

Chhattisgarh Paddy Purchase Record: छत्तीसगढ़ राज्य ने धान खरीदी में कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिए हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक 107 लाख 51 हजार 858 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर बीते साल 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ देश में पंजाब के बाद दूसरा राज्य है, जहां सर्वाधिक मात्रा में धान खरीदा गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल स्थान पर है। राज्य में 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यह आंकड़ा इतना ज्यादा है कि देश के अन्य राज्य इसके आसपास भी नहीं है।
इन प्रयासों से मिली सफलता

- धान खरीदी के लिए खरीदी केन्द्रों की संख्या में वृद्धि के साथ ही पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के लिए मैन्यूअल टोकन के साथ-साथ ऑनलाइन टोकन जारी करने की व्यवस्था ‘टोकन तुहंर हाथ‘ एप के माध्यम से की। जिसके चलते राज्य में धान खरीदी के शुरुआती दिन 1 नवंबर से लेकर आखिरी दिन 31 जनवरी तक धान खरीदी निर्बाध रूप से जारी रही।
- राज्य में बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए खरीदी केन्द्रों से मिलर्स द्वारा सीधे धान का उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई, जिसके चलते अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव किया जा चुका है। इस व्यवस्था के चलते लगभग 150-200 करोड़ रुपए की बचत होगी।
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स को दी जानी वाली प्रोत्साहन राशि को प्रति क्विंटल के मान से 120 रुपए दिए जाने से भी कस्टम मिलिंग में तेजी आई है। इस साल 249 नए मिलर्स ने पंजीयन कराया है। राज्य सरकार की किसान हितैषी नीति और फैसलों के चलते धान का रकबा बढ़कर 32.19 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। पंजीकृत किसानों में 2.32 लाख नये किसान शामिल हैं।
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Chhattisgarh Youth Festival 2023: राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का हुआ समापन, प्रदेश भर के 2300 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

Raipur News: राजधानी रायपुर में शनिवार 28 जनवरी से शुरू हुए तीन दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आज शाम समापन हुआ। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र और प्रतीक चिन्ह वितरित किए। रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में तीन दिनों तक चले युवा महोत्सव में 38 विधाओं में प्रदेश भर के 2300 प्रतिभागियों ने अपनी कला, कौशल और हुनर का प्रदर्शन किया।
युवा महोत्सव के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि राज्य स्तरीय युवा महोत्सव छत्तीसगढ़ की विविध कलाओं, संस्कृतियों, खेलों और यहां के लोगों के हुनर एवं कौशल को एक मंच पर लाने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सराहनीय कदम है। यह हर वर्ष आयोजित किया जाएगा। उन्होंने युवा महोत्सव में विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हार भी जाओ तो ग़म न करो… फिर से खेलो और हौसला कम न करो।

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Chhattisgarh: सीएम बघेल ने अवैध निर्माण के नियमितिकरण के प्रकरणों के निराकरण में विलंब पर जताई गहरी नाराजगी

Raipur News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध निर्माण के नियमितिकरण के प्रकरणों के निराकरण में विलंब पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कलेक्टरों को प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए यह नियम लाया गया है, राज्य सरकार ने लोगों को अवैध निर्माण के नियमितिकरण कराने का मौका दिया है, इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश देते हुए कहा है कि वे स्वयं प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने और कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक रायपुर निवेश क्षेत्रांतर्गत कुल 549 आवेदन प्राप्त किए गए हैं, जिसमें 396 आवासीय एवं 153 गैर आवासीय प्रकरण है। नियमितिकरण प्राधिकारियों की गठित समिति द्वारा अब तक 2 बैठक संचालित की गई है। कुल प्राप्त आवेदनों में से 35 प्रकरणों में मांग पत्र जारी किये जा चुके है, जिसके अनुसार 10 प्रकरणों में शास्ति राशि प्राप्त होने उपरांत कुल 27 प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई है।

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Chhattisgarh: राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लेट-लतीफी पर कलेक्टर होंगे जिम्मेदार- मुख्यमंत्री बघेल

Raipur News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में बेवजह लेट-लतीफी पर गहरी नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को राजस्व के सभी प्रकार के लंबित मामलों को तेजी से निराकरण करने के सख्त निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्व मामलों के निराकरण में लेट-लतीफी के लिए सीधे कलेक्टरों को जिम्मेदार मानकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री स्वयं फरवरी माह के आखिरी सप्ताह में जिला कलेक्टरों की बैठक लेकर जिलेवार राजस्व प्रकरणों जैसे- नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन भूमि आबंटन, व्यवस्थापन तथा फ्री-होल्ड प्रकरणों के साथ ही अवैध निर्माण का नियमितिकरण तथा नगरीय निकायों को एक रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से भूमि आवंटन आदि की समीक्षा करेंगे।

राज्य में राजस्व प्रकरणों का निराकरण मुख्यमंत्री की मंशा और राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसको लेकर शासन द्वारा समय-समय पर निरंतर निर्देश जारी किए जाते रहे, परंतु अपेक्षा अनुरूप प्रगति न होने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है और लंबित राजस्व प्रकरणों की स्वयं समीक्षा करने को कहा है।
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